Wednesday, January 31, 2024

13 अप्रैल 2024 (विक्रमी संवत 2081) की वर्षेश कुण्डली

              13 अप्रैल 2024, जगत लग्न कुंडली, भारतीय स्टैंड समय, 21:04 पर सूर्य मेष राशि में गोचर करेगा। कुंडली में वृश्चिक लग्न बनता है। वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल चतुर्थ भाव में शनि के साथ युति करेगा। मंगल युद्ध का सूचक है.|सृष्टि चक्र को चलाने वाले ईश्वर ही हैं और बाकी सब कुछ आकाश में ग्रह-नक्षत्रों का ही योगदान है जब सूर्य अपनी राशि से निकल कर दूसरी राशि में जाता है तो हम सभी के जीवन में परिवर्तन आना स्वाभाविक है। हमारा भाग्य रेखा में तय होता है और सूर्य शक्ति और शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। मेष राशि में बारह महीने आते हैं और यहीं से नए साल की शुरुआत होती है। मेष प्रथम पुरुष राशि है तथा सूर्य से पंचम भाव, सप्तम भाव तथा नवम भाव पर दृष्टि डालते हैं। इसमें अश्विनी नक्षत्र के चारों चरण, भरणी नक्षत्र के चारों चरण और कृतिका नक्षत्र का पहला चरण शामिल है। अश्विनी नक्षत्र का स्वामी केतु ग्रह है जो ध्वज का प्रतीक माना जाता है, जो प्रथम और आगे बढ़ने वाला तथा रचनात्मक स्वभाव के साथ रचनात्मक शक्ति को दर्शाता है। मंगल मेष राशि का स्वामी है और बल, शक्ति और ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है और सूर्य अश्विनी नक्षत्र में अपने उच्चतम स्थान पर है। सूर्य और अश्विनी नक्षत्र का संबंध स्वतंत्रता और से भी है|

                                          


                                                              

         नए साल की शुरुआत में सूर्य मेष राशि में गोचर करेगा। वृश्चिक लग्न की कुंडली बन रही है और लग्न का स्वामी मंगल चतुर्थ स्थान में शनि के साथ युति करेगा। शनिदेव कर्म का फल देने वाले हैं और मंगल युद्धक्षेत्र का संकेत दे रहे हैं। उत्तर एवं दक्षिण दिशा अधिक प्रभावित होगी। भारतीय सीमा को समुद्री और आंतरिक शक्तियों या पड़ोसी देशों से कोई खतरा नहीं होगा। हमारे पड़ोसी देश जैसे चीन, पाकिस्तान, ताइवान, उत्तर प्रदेश, भारत आदि विश्व शांति से वंचित हैं। विश्व की स्थिति भयानक युद्ध के समान है। राजनीतिक दलों में भूकंप, तूफ़ान और अस्थिरता का पता लगाया जा सकता है। उग्रवाद, रक्तपात प्राकृतिक आपदा आ रही है। क्या अंतरिक्ष में अचानक बदलाव लाया जा सकता है?

    विश्व की कुंडली इस समय संकेत दे रही है कि चतुर्थ भाव में मंगल और शनि की युति के कारण प्राकृतिक आपदाएं, भूकंप, बर्फबारी, तूफान, तूफान और बाढ़ आएंगी और कृषि क्षेत्र पर भारी प्रभाव पड़ेगा और उद्योग। आकाश की स्थिति : संसार में भयंकर युद्ध होने वाला है। रूस और यूक्रेन में नाटो सेना के शामिल होने से कई देशों के शामिल होने से भयावह स्थिति पैदा हो जाएगी. विश्व युद्ध होगा. कट्टर विस्तारवादी देशों के रूप में चीन और पाकिस्तान दोनों का व्यवहार भारत और अन्य विकासशील देशों के लिए समस्याएँ पैदा करेगा। भारत और दूसरे देशों में नफरत और भेदभाव भड़काने वाले काम करेंगे. मैं भगवान शिव से हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई धर्म के बीच भाईचारा बनाए रखने की प्रार्थना करता हूं। आने वाले समय में आप बाहरी और आंतरिक विपरीत परिस्थितियों पर काबू पाने का प्रयास करेंगे और अच्छे कर्म और अच्छे कार्य करके अपनी सोच में बदलाव लाएंगे। यह नया साल बड़ी मुश्किल का समय है और बाहरी दुनिया में मुस्लिम देशों के बीच एकता दिखाई दे रही है और इसके युद्ध क्षेत्र बनने की प्रबल संभावना है। प्राकृतिक आपदाओं से देश प्रभावित होंगे। चीन और अमेरिका में बुध की दृष्टि कमजोर होने लगी है। शीतयुद्ध की प्रबल सम्भावना है। सूर्य, शुक्र और राहु के एक साथ आने से कठिन परिस्थितियाँ पैदा होंगी और राजनीतिक दलों और देशों के लिए समस्याएँ पैदा होंगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भारत में गोचर देश के कई हिस्सों में बदलाव लाएगा। आगे हरि की इच्छा है.

​The horoscope of the world is currently indicating that due to the conjunction of Mars and Saturn in the fourth house, there will be natural calamities, earthquakes, snowfall, storms, storms, floods and there will be a huge impact in the agriculture sector and industry. Situation of the sky: There is going to be a massive war in the world. Due to NATO military involvement in Russia and Ukraine, a terrible situation will be created with the involvement of many countries. There will be a world war. The behavior of both China and Pakistan as staunch expansionist countries will create problems for India and other developing countries. They will do things that incite hatred and discrimination in India and other countries. I pray to Lord Shiva to maintain brotherhood among Hindus, Muslims, Sikhs and Christianity. In the coming time, you will try to overcome external and internal adverse situations and will change your thinking by doing good deeds and good work. This New Year is a time of great difficulty and there is a visible unity among Muslim countries in the outside world and there is a strong possibility of it becoming a war zone. Countries will be affected by natural disasters. The vision of Mercury has started weakening in China and America. There is a strong possibility of a cold war. The coming together of Sun, Venus and Rahu will create difficult situations and will create problems for political parties and countries. In astrology, transit in India will bring changes in many parts of the country. Next is Hari's wish.

Tuesday, October 31, 2023

8 अप्रैल 2024 को नव विक्रमी संवत 2081 का शुभारंभ होगा


                                                         




           8 अप्रैल 2024 को चैत्र मास कृष्ण पक्ष अमावस्या तदनुसार रात्रि को 23 बजकर 53 मिनट पर धनु लग्न की कुण्डली में कालयुक्त नामक नव वर्ष विक्रमी संवत 2081 से प्रवेश करेगें। मंगल नव वर्ष के राजा है और शनि मंत्री होगे। उत्तर पूर्व दिशा में सभी ग्रह स्थित है। मंगल और शनि कुम्भ राशि में स्थित है। मीन राशि में सूर्य, चंद्र और राहु  ,बुध स्थित है। लग्न के स्वामी बृहस्पति और शुक्र वृष राशि में स्थित है।रोहिणी वास संधिकाल में हो रहा है भूमि तत्व से सम्बन्धित होता है और नदी, नहर और सागर का तट, खेत खलियान, जड़ी बूटियों उत्पादन उद्यान , रेलवे स्टेशन, बस अड्डा, बंदरगाह, परिवहन स्थल, शापिंग कांप्लेक्स , मॉल, हीरे जवाहरात के कारखाने, फिल्म उद्योग, पर्यटन सेवा केन्द्र सम्बन्धित होता है। प्रवेश कुण्डली वैश्य समाज से जुड़े हुए हैं धन संपत्ति का दबदबा धनी व्यक्ति वर्ग से सम्बन्धित है और अपनी सोच सही नहीं होगा। समाज में अराजकता फैला होगा।

                                       


                           मंगल और शनि तीसरे भाव में स्थित है। शनि की तीसरी दृष्टि बृहस्पति और शुक्र पर है। मध्यप्रदेश में भारी बारिश होने से फसलों को क्षति होगी । जिससे उज्जैन और मध्य प्रदेश महंगाई दर वृद्धि होगी और जनता को परेशानी होगी। उत्तर भारत में प्राकृतिक आपदा की घटनाएं होगी जैसे भूकंप, आगजनी, उग्रवाद से प्रभावित करेगे। मंगल की चौथी दृष्टि छटा घर पर है बीमारी प्रकोप बढ़ सकता है। चीन पाकिस्तान से युद्ध जैसी स्थिति बना रहेगी।उसके लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने की आवश्यकता है।

            पंजाब झारखंड मनीपुर, कश्मीर,केरल, गोवा, यूपी, बिहार, मिजोरम में सांप्रदायिक तनाव होने की घटनाएं होगी। सुनामी चेतावनी है। भूकंप, भूखलन अचानक से बड़े पैमाने पर होगी।


                     कालयुक्त नामक नव वर्ष  विक्रम संवत बहुत ही महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह देश     दुनिया में अच्छी और बुरी परिस्थितियों के विषय में अवगत कराया है। राजा शक्तिशाली होता है और    मंत्री जी के सहयोग का बोध होता है। मंगल अग्नि तत्व और तामसिक और शनि वायु तत्व, मलेच्छ और धीमी गति से चल रहे होते हैं। मुस्लिम देशों में टकराव एवं सीमा प्रांतों अशांत रहता है। आकाशीय स्थिति और ग्रह गोचर के आधार पर गृह युद्ध के संकेत दिए हैं और देश में विद्रोह से कुछ क्षेत्र किसी देश में विलय होने होने की संभावना है।कुल मिलाकर ग्रह स्थित देश के लिए अनुकूल नहीं है।तीसरा स्थान हमारे घर का प्रवेश द्वार पर मंगल और शनि क्रूर ग्रह स्थित है हमारे देश मे लेखन में शक्ति समाहित होती है हमारा लेखन कार्यशैली अच्छा और बुरे से वातावरण प्रभावित करेगे। पत्रकार की सोच सही नहीं होगी देश में होने वाली यथास्थिति बरकरार रखना चाहिए और जो स्वार्थी लोग प्रलोभन में अवरोध उत्पन्न होगा और सच्चा संपादक श्रेष्ठ लेखनी से देश में जागृति पैदा कर सकता है लेकिन ऐसा नहीं होगा। समाचार पत्र और पत्रिकाओं में प्रकाशित होगे और तथ्य से भटक रहे हैं। संचार माध्यम से वास्तविकता से दूरी बनाए रखेंगे।जिससे देश में आंदोलन, सांप्रदायिक तनाव, आगजनी घटनाओं, भौतिक प्रगति में बाधक, पड़ोसी देशों से संबंध अच्छे नहीं होगे। आपसी तालमेल का अभाव रहेगा। पूंजी पतियों का दबदबा कायम रहेगा। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होगी। तीव्र इच्छा से बच्चे प्रभावित करने और हत्या, मारपीट, दुर्घटना, विरोधियों से प्रभावित होकर पाप कार्य में लिप्त पाए जाएंगे। नैतिक मूल्यों का हनन किया जा सकता है। युद्ध जैसी स्थिति बनी रहेगी। निरंकुश शासन, तानाशाही रवैया अपनाया गया है। आक्रामक स्वभाव, शिक्षा के क्षेत्र में अवरोध उत्पन्न होगा। 

Sunday, July 30, 2023

15 अगस्त 2023 को भारत की आजादी के 77वें साल में कैसा होगा |

    15 अगस्त 2023 को भारत की आजादी के 77वें साल में कैसा होगा |


                              


तुला लग्न की कुंडली  मंगलवार, कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि, प्रातः 11.36 बजे  बन रही है, लग्न में केतु स्थित है तथा मेष राशि में बृहस्पति और राहु स्थित हैं। सूर्य, चंद्रमा और शुक्र कर्क राशि में स्थित हैं। मंगल और बुध सिंह राशि में हैं और शनि कुंभ राशि में स्थित है। शनि और सूर्य के साथ समसप्तक योग और मंगल का षडाष्टक योग है जिसके कारण देश में भयंकर महामारी फैली हुई है और जिसके कारण देश की जनता और जनजीवन प्रभावित होगा। सत्तारूढ़ दल ने गलत नीतियां, योजनाएं और अध्यादेश जारी किए हैं और आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं है। पूरे देश में पत्रकारिता के गलत माध्यम से प्रोपेगेंडा फैलाया जा रहा है, खासकर सही बात कहने का डर। विपक्षी पार्टियों का आंदोलन शुरू होने वाला है. शनि, राहु और बुध के वक्री होने से मणिपुर, मिजोरम, उत्तराखंड, कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, छत्तीसगढ़ और राजस्थान, बिहार आदि में उग्रवाद, रक्तपात और बलात्कार की घटनाएं होने वाली हैं। मंगल 6/8 पर होने से अतिवृष्टि से परेशानी होगी। इस गोचर में भूस्खलन, भूकंप, चट्टानों का गिरना, नदियों में पानी का तेज बहाव, मकानों का गिरना, जन-जीवन अस्त-व्यस्त होगा तथा तूफानों एवं प्राकृतिक आपदाओं के कारण भयानक स्थितियाँ उत्पन्न होंगी।

शनि -मंगल और गुरु राहु की स्थिति ऐसी बनी हुई है हमारी सीमा रेखा के ऊपर पड़ोसी देशों से युद्ध जैसी स्थिति बनेगी, कई प्रकार के साइबर अटैक, काबुल अफगानिस्तान में नए युद्ध जैसी स्थिति बनेगी और पाकिस्तान में बाहरी गतिविधियों एवं आंतरिक  विरोधी गतिविधियां तेज होने वाली है। कई राज्यों जैसे महाराष्ट्र, बंगाल,असम, छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश और बिहार में उग्रवाद, खून खराबा, सांप्रदायिक उपद्रवों से भारी क्षति होगी। मंगल और शनि की वक्री अवस्था में होने से गुरु चांडाल योग बना बनाए गए और चीन,और पाकिस्तान दोनों ही आपसी सहमति से भारत के अंदर गलवान घाटी, मिजोरम और तिब्बत सीमा रेखा के ऊपर विद्रोही स्वर से देश भर में अशांति पैदा होगी और जिसके कारण जनता को ज्यादा परेशानी उत्पन्न होगी। धार्मिक स्थल पर दंगे हुए हैं और हिन्दू मुस्लिम एकता को भंग करने कोशिश रहेगी।

Tuesday, March 28, 2023

22 जून 2023 को विक्रमी संवत 2080 सूर्य देव आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश कुण्डली

 आर्द्रा छठा नक्षत्र है जिसका विस्तार 66°40' से होता है। आर्द्रा का अर्थ है नम। जब सूर्य आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करता है तो आर्द्रा प्रवेश चार्ट मौसम की भविष्यवाणी के लिए तैयार किया जाता है। इसकी उपयोगिता देश में विशेष रूप से मानसून के दौरान वर्षा और मौसम की स्थिति का पूर्वानुमान लगाने और वर्ष के दौरान फसलों को प्रभावित करने में है। कोई भी कृषि उत्पादों और उनकी कीमतों पर प्रभाव का अनुमान लगा सकता है।

                                            


22 जून 2023 को भारतीय समयानुसार 17:47 बजे सूर्य मिथुन राशि में, आर्द्रा नक्षत्र में स्थित है। उस दिन गुरुवार को आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष की चतुर्थी हर्ष योग में चंद्रमा अश्लेषा नक्षत्र कर्क और वृश्चिक लग्न में प्रवेश करेगा। राशी मालिक है। यह एक जल राशि है और सूर्य उत्तर दिशा के स्वामी आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश कर चुका है।

लग्न की कुंडली वृश्चिक है। लग्न का स्वामी मंगल कर्क राशि में चंद्र-शुक्र के साथ युति कर रहा है। शनि कुम्भ राशि में स्थित है और उस पर राहु और गुरु की दृष्टि है। शनि-मंगल ग्रह षडाष्टक योग बना रहे हैं। कुछ स्थानों पर भीषण भूकंप, भयंकर बाढ़ और बिजली गिरने की आशंका है। बिहार, ओडिशा, मेघालय, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे कई राज्यों में प्राकृतिक आपदाएं आने वाली हैं। शनि का प्रभाव उत्तर दिशा में रहेगा।


               गोचर ग्रहों की स्थिति के अनुसार भारत और विदेशों के कुछ प्रांतों में भारी बारिश के कारण भारी तूफान, भूकंप या बाढ़ की स्थिति हो सकती है। शनि अपनी कुम्भ राशि में रहेगा। उत्तरी गोलार्ध में जल-जमाव, प्राकृतिक प्रकोप, तूफान, हिंसा भूकंप पृथ्वी को काफी हद तक हिला देंगे। साम्प्रदायिक दंगे और राजनीतिक दलों द्वारा हत्याएं और अन्य कई प्रकार की उथल-पुथल होगी, जिससे जनता को बहुत नुकसान उठाना पड़ेगा। आकाशीय बिजली, समुद्री क्षेत्रों में तूफान, जलप्रलय, महामारी की संभावना से जनजीवन प्रभावित होगा। यह संभव है। युद्ध की स्थिति भी बन सकती है।

      आर्द्रा नक्षत्र का अर्थ है नमी जो गर्मी के बाद ठंडी होती है, नमी के कारण बादलों के मौसम के समय, सूर्य भगवान जून के तीसरे सप्ताह में आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करते हैं। गीला पैठ भी कहा जाता है। वर्षा ऋतु आती है। चारों ओर समृद्धि है और खेतों में हरियाली बहुतायत में दिखाई देती है। बारिश की हल्की फुहार मन में उत्साह और उल्लास जगाती है। रुद्र देव यानी संहारक शिव को आर्द्रा नक्षत्र का स्वामी माना जाता है। लाल रंग के राक्षसों का विनाश। यह भी दिखाया गया है। यह अप्रिय, हानिकारक, प्रलय, मतिभ्रम, अराजकता को समाप्त करने का कार्य भी करता है।

जन्म के समय जब सूर्य चन्द्रमा से तीसरे, छठे, दसवें और ग्यारहवें भाव में गोचर करता है तो यह शुभ फल देता है, यदि उस समय शनि के अलावा कोई अन्य ग्रह क्रमश: नौवें, बारहवें, चौथे और पांचवें भाव में गोचर करता है। हैं। किया जा। सूर्य एक महीने के लिए एक विशेष घर में रहता है। सूर्य शरीर में एक ऊर्जा तंत्र के रूप में निवास करता है। यह भावनाओं, स्वास्थ्य और शक्ति को प्रभावित करता है। यह व्यक्ति के किसी भी लिंग के अधिकारों को प्रभावित करता है। जन्म कुंडली या गोचर में सूर्य का प्रभाव अक्सर स्वास्थ्य से पीड़ित और सत्ता में अधिकारियों के साथ समस्याओं का संकेत देता है। वर्ष के दौरान जब सूर्य जन्म स्थान के विपरीत होता है, तो यह शायद ही कभी भाग्यशाली होता है, यह जीवन शक्ति को कम करता है और संकेत के अनुसार शीतलता और कमजोरी का कारण बनता है। लकड़ी, अग्नि, सत्य, वैद्य, वैद्य, अभिमानी, समर, शिव मंदिर, ईर्ष्यालु दंडाधिकारी, गुरु, वैद्य और वीरता, मन की पवित्रता। सूर्य स्वास्थ्य, पिता, शक्ति, अधिकार, नाम और प्रसिद्धि का कारक है। , सरकार, रॉयल्टी, दवा, आंखें, लकड़ी, ऊन, या इमारती लकड़ी, पूजा का स्थान, दलाली या कमीशन, रक्त परिसंचरण, मामा, सेवा, पेशा, साहस, पितृसत्ता, सम्मानजनक स्थिति, राजनेता, डॉक्टर, मरहम लगाने वाला, आत्मा, वन , मिठाई आदि। सूर्य मेष राशि में उच्च का और तुला राशि में नीच का होता है। सूर्य पुरुष राशि, पूर्व दिशा, अग्नि तत्व है।

   

Tuesday, February 7, 2023

31 मार्च 2022 से 30अप्रैल 2023 बृहस्पति मीन राशि में दहन अवस्था में रहेंगे 


 

          बृहस्पति का अस्त 31 मार्च 2023 को 18:37 बजे होने जा रहा है। बृहस्पति 29 अप्रैल 2023 तक अस्त अवस्था में रहेगा। सूर्य और गुरु अस्त अवस्था में मीन राशि में गोचर करेंगे और राहु+बुध+शुक्र मेष राशि में स्थित है। मंगल मिथुन राशि में और चंद्रमा कर्क राशि में, शनि कुंभ राशि में, यहां से राहु+बुध+शुक्र मेष राशि में रहेगा। केतु अपनी सप्तम दृष्टि से राहु+बुध+शुक्र को देख रहा होगा। मंगल की विशेष दृष्टि रखेंगे। शनि नव पंचम योग बना रहा है।  देश में रोग और प्राकृतिक आपदा, उग्रवाद, सम्प्रदाय उपद्रव, हिंसा,खून खराबा, आगजनी, रक्त प्रवाह बढ़ता घटनाएं देख सकते हैं । विकट परिस्थितियों का निर्माण होगा। विश्व में परमाणु हथियार की युद्ध और विनाश को न्योता देते दिखाई देगे।उसके संसार लोगो को दान पुन और पूजा अर्चना करने की आवश्यकता है।



             बृहस्पति दहन अवस्था  स्थिति में होने जा  रहे  है, सभी शुभ कार्यों और अवसरों को स्थगित कर देने  चाहिए। ज्योतिष शास्त्र  के अनुसार बृहस्पति की वृद्धावस्था और  ही दहन अवस्था में रहते है । उदाहरण के लिए विवाह, बच्चे का प्रथम प्रवेश, नए घर का निर्माण, कुआं खोदना, तालाब, बगीचा, व्रत का आरंभ और अंत, व्रत का उद्घाटन, नवविवाहित पत्नी का गृह प्रवेश, यज्ञ, योगियों के संस्कार, नव विकसित अनाज भोजन, ज्योतिष सीखना, भगवान का समारोह, एक नए कार्यालय की शपथ ग्रहण, अंगूठी की रस्म, सगाई, एक नया वाहन खरीदना, शादी के लिए नए कपड़े, आभूषण, मुंडन समारोह, मंदिर में मूर्ति का अभिषेक, गोद भराई की रस्म , विवाह के लड़के या लड़की को कोई भी शुभ कार्य करते हुए देखना, नए घर की नींव रखना, नए घर में पहली बार प्रवेश करना वर्जित माना गया है। जिस दिन बृहस्पति अस्त अवस्था में प्रवेश करने वाला हो उस दिन से तीन दिन पहले और तीन दिन बाद तक कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।

Thursday, December 1, 2022

14 अप्रैल 2023 (विक्रमी संवत 2080) की वर्षेश कुण्डली

           14 अप्रैल 2023 को भारतीय समयानुसार दोपहर 14 बजकर 57 मिनट पर सूर्य अपनी मेष राशि में गोचर करेगा और मेष राशि में राहु और बुध पहले से ही मौजूद हैं। मंगल देव मिथुन राशि में स्थित हैं। भगवान ब्रह्मा पृथ्वी पर जीवों के निर्माता हैं।    


                             




                      14 अप्रैल 2023 को भारतीय समयानुसार दोपहर 2 बजकर 57 मिनट पर सूर्य अपनी मेष राशि में गोचर करेगा और मेष राशि में राहु और बुध पहले से ही मौजूद हैं। मंगल देव मिथुन राशि में स्थित हैं। भगवान ब्रह्मा, विष्णु और शिव पृथ्वी पर जीवों के निर्माण का प्रबंधन करते हैं। हमारे ब्रह्मांड में 12 राशियां, नौ ग्रह और 27 नक्षत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। नौ ग्रहों पर स्थित स्थिर नक्षत्र प्राणियों की भाग्य रेखाओं में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। उसके बाद ग्रहों का गोचर विशेष भूमिका निभाता है। नव विक्रमी संवत और हिन्दू नववर्ष शुभ हो इसके लिए चैत्र मास में मां दुर्गा शक्ति की पूजा की जाती है। इस दिन मेष संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। सूर्य देव अपनी पहली राशि में प्रवेश कर रहे हैं। विश्व चक्र के स्वामी और आकाशीय परिषद ग्रहों के गोचर से शुभ और अशुभ समय का पता चलता है।  इस वर्ष में कुण्डली अनुसार सिंह लग्न की कुंडली है और उसके सप्तम भाव में शनि देव विराजमान हैं। शनि कुम्भ राशि में स्थित है ।अपनी सातवीं दृष्टि से लग्न और  अपनी नीच दृष्टि से सूर्य और राहु को देख रहे हैं। मंगल ग्रह मिथुन राशि में स्थित है और शनि देव इसके सप्तम भाव में विराजमान हैं। शनि कुम्भ राशि में स्थित है। वह अपनी सप्तम दृष्टि से लग्न को देख रहा है और अपनी नीच दृष्टि से सूर्य और राहु को देख रहा है। मंगल मिथुन राशि में स्थित है। शनि मंगल से नवम भाव में स्थित है और मंगल शनि से पंचम भाव में स्थित है। नवम और पंचम योग बन रहे हैं और दुनिया में उथल-पुथल और उथल-पुथल के संकेत हैं जो दुनिया की शांति को भंग करने वाले हैं। पाकिस्तान, चीन, अमेरिका, कोरिया और श्रीलंका आंतरिक संघर्ष के विश्व चक्र को बाधित कर सकते हैं। युद्ध जैसी स्थिति बनेगी। साम्प्रदायिक हिंसा, राजनीतिक मतभेद, भूकंप और बीमारियाँ बढ़ने के संकेत हैं। 11 मई 2023 को मंगल कर्क राशि में गोचर करेगा। मंगल और शनि 6/8 की स्थिति में होकर षडाष्टक योग बना रहे हैं। कई देशों और राज्यों के आंतरिक और बाहरी सीमा क्षेत्रों में प्राकृतिक प्रकोप, भूकंप, भूस्खलन आदि की घटना की संभावना है। समुद्र में तूफान आने वाला है। दक्षिणी देशों में युद्ध होने जा रहा है। इन सब घटनाओं के घटित होने से जनता दु:खी और संकट में होगी। धन हानि से लोग दुखी रहेंगे।


          21 अप्रैल 2023 को गुरु अस्त अवस्था में मीन राशि में गोचर करेगा जिसके कारण भारत में युद्ध होने जा रहा है। सीमा सुरक्षा बल दिया जाए। अमेरिका तथा पड़ोसी देशों में प्रतिकूल परिस्थितियाँ बनेंगी। बृहस्पति 22 अप्रैल 2023 को मेष राशि में प्रवेश करेगा। 30 अप्रैल 2023 को मार्गी अवस्था में गोचर करेगा। 11 फरवरी 2024 से 16 मार्च तक शनि अस्त अवस्था में रहेगा। 16 मार्च 2024 से मंगल और शनि एक राशि में स्थित होंगे और देश में रोग और प्राकृतिक आपदा, उग्रवाद, साम्प्रदायिक दंगे, हिंसा, रक्तपात, आगजनी और बढ़ते रक्त प्रवाह की घटनाएं देश में देखने को मिल सकती हैं। विकट परिस्थितियाँ बनेंगी। परमाणु हथियारों को दुनिया में युद्ध और तबाही को न्यौता देने के तौर पर देखा जाएगा। दुनिया के लोगों को उसे दान और पूजा करने की जरूरत है।

Sunday, October 30, 2022

घर के निर्माण में आय का विचार करना

 

                                             


           घर के निर्माण में आय का विचार करना चाहिए। गृह स्वामी के हस्तादि लम्बाई और चोड़ाई को परस्पर गुणा कर,उसको आठ से भाग दे देखना चाहिए और भाग करने के बाद जो शेष बचता हैं।वह क्रम से ध्वजादि आय होते है।1 ध्वज 2 धूम्र 3 सिंह 4 शवान 5 वृषभ 6 गर्दभ 7 हसित  8 शून्य   

 इनमे एक ,तीन, पाँच और सात विषम संख्या की आय  शुभ होती हैं।सम सख्या को अशुभ माना जाता है। घर के लिए जो भूमि खरीद कर रहे हैं उस भूमि को अन्दर की ओर से मापना चाहिए। 32 हाथ चौड़े घर में आय आदि विचार की आवश्यकता नहीं पड़ती है।नही चार दरवाजो वाले घर में ही।

 ब्राह्मण जाति के लिए ध्वजाय, 

क्षत्रियों के लिए सिंहाय  

वैश्य समाज के लिए गजाय और

 शूद्र वर्ग के लिए वृषभाय विशेष शुभ होती हैं। 

अन्य आय जाति के लिए शुभ होती हैं।ग्रह का निर्माण करते समय राशि और दिशा का विचार करना चाहिए। 1. मेष राशि - उत्तर दिशा 



         

नाम  जन्म नक्षत्र के अनुसार

 

 

वर्णमाला

 

  नाम

 

 

अश्विनी

 

चू, चे, चो, ला

 

मेष राशि

 

भरणी

 

ली, लू, ले ,लो

 

मेष राशि

 

कृतिका

 

अ, इ, उ, ए 

 

वृषभ राशि

 

रोहिणी

 

, वा, वी, वु

 

वृषभ राशि

 

मृगशिरा

 

वे, वो, का, की

 

मिथुन राशि

 

आर्द्रा

 

कू, , ,

 

मिथुन राशि

 

पुनर्वसु

 

के को, ह, हि

 

कर्क राशि

 

पुष्य

 

 हु, हे, हो,डा

 

 कर्क राशि


आश्लेषा

 

डी, डु, डे, डो

 

 कर्क राशि

 

माघ

 

 

माँ, मी, मु, मे

 

 सिंह राशि

पूर्वा फाल्गुनी

 

मो, ता, टी, तू,

 

 सिंह राशि

उत्तरा फाल्गुनी

 

टे, टा, पा, पी

 

कन्या राशि

 

हस्त

 

पू, ष, ण, उ

 

 कन्या राशि

चित्रा

पे, पो, रा, री

 

तुला राशि

स्वाति

 

रु, रे, रो, ता स

 तुला राशि

विशाख

 

टी, तू, ते, तो

 

वृश्चिक राशि

 

अनुराधा

 

ना, नी, नु, नी

 

  वृश्चिक राशि                                 

ज्येष्ठ

 

न हीं, हां, यी, यू

 

   वृश्चिक राशि                      

  मूला

ये ,या, यी, यू

धनु राशि 


     पूर्वाषाढ़ा

 

भू, ध,फ़,ढ़

           

 धनु राशि           

उत्तराषाढ़

भे, भो, जा,जी

 

 मकर राशि         

अभिजीत  


जू, जे, जो, खा

     मकर राशि       

श्रवण

खी, खू, खे, खो ई

 

मकर राशि

धनिष्ठा

  ग, गी, गू, गे

कुंभ राशि

 

शतभिषा

गो,सा, सी, सू 

कुंभ राशि

पूर्वाभाद्रपद

से, सो, दा, दी

मीन राशि

उत्तराभाद्रपद

रेवती

दू, थ,झ,अं

दे, दो, चा, ची 

 

मीन राशि

मीन राशि

                                                                                                                               

                    उस समय जब घर बनाने का विचार किया जाता है। ज्योतिष के अनुसार आपकी राशि और शहर की राशि के बीच मेल होना चाहिए। जैसे रमेश चंद्र जैसा कोई जो दिल्ली में घर बनाना चाहता है। रमेश की तुला राशि और देहली की मीन राशि बनती है। तुला 7 परिवर्तनशील राशियाँ, विषम मीन द्विस्वभाव 12 राशियाँ बनती हैं जो मेल नहीं खातीं। इसका मतलब स्थिरता नहीं है। वास्तु शास्त्र के अनुसार 2/9/5/11/10 शुभ कार्य को दर्शाता है। यदि नगर की राशि और राशि का नाम 1/3/4/6/7/8/12 हो तो जातक पर अशुभ प्रभाव पड़ता है। वे हानि, रोग, हानि, शत्रुता और एक के बाद एक रोग हैं।

 

 

 

 

 

 

                                   

 

शतभिषा

 

जाओ, सा, देखो, सू

पूर्वभाद्रपद

मीन राशि

से, सो, दा, दी

उत्तरा भाद्रपद

 

दू, , झा, अनू

रेवती