हिन्दू पद्ति के अनुसार पाँच वर्षमान भारतवर्ष का प्रचलित है :-
1 सौरवर्ष 
     सौरवर्ष :-जितने समय में सूर्य बारह राशियों का भम्रण करता है उसे सौरवर्ष कहते है । सूर्य एक राशि से दूसरी में प्रवेश करने में ३०अश लगता है यानि एक मास यह चक्र संक्रान्ति से संक्रान्ति तक होता है । 
          सौरवर्ष का पूर्ण समय 365 दिन 6 घंटे 9 मिनट 11  सैकिण्ड होते है । 
चन्द्र वर्ष
चन्द्र वर्ष :- जितने समय चन्द्रमा भचक्र के 12 चक्र काटता उसे चन्द्र वर्ष कहते है । जितने समय चन्द्र भचक्र का एक चक्र लगता उसे चन्द्र मास कहते है । जितने समय 12 अंश में भचक्र का चक्र लगता है उसे चन्द्र दिन कहते है चन्द्र 354 दिन, 22 घड़ी, 1 पल चन्द्र वर्ष का समय है ।
नाक्षत्र वर्ष :-किसी एक स्थिर नक्षत्र से प्रारम्भ करके पूण: उसी नक्षत्र पर आने के लिये पृथ्वी अपनी कक्षा में घूमने में जितना समय लेती उसे नक्षत्र वर्ष कहते है चन्द्रमा द्वारा एक नक्षत्र के भोगकाल को नाक्षत्र दिवस और चन्द्रमा द्वारा 27 के भोग्यकाल को नाक्षत्र मास कहते है 324 दिनों का एक नाक्षत्र वर्ष होता है ।
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चन्द्र वर्ष
चन्द्र वर्ष :- जितने समय चन्द्रमा भचक्र के 12 चक्र काटता उसे चन्द्र वर्ष कहते है । जितने समय चन्द्र भचक्र का एक चक्र लगता उसे चन्द्र मास कहते है । जितने समय 12 अंश में भचक्र का चक्र लगता है उसे चन्द्र दिन कहते है चन्द्र 354 दिन, 22 घड़ी, 1 पल चन्द्र वर्ष का समय है ।
नाक्षत्र वर्ष :-किसी एक स्थिर नक्षत्र से प्रारम्भ करके पूण: उसी नक्षत्र पर आने के लिये पृथ्वी अपनी कक्षा में घूमने में जितना समय लेती उसे नक्षत्र वर्ष कहते है चन्द्रमा द्वारा एक नक्षत्र के भोगकाल को नाक्षत्र दिवस और चन्द्रमा द्वारा 27 के भोग्यकाल को नाक्षत्र मास कहते है 324 दिनों का एक नाक्षत्र वर्ष होता है ।
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