मेष :- काल पुरुष की पहली राशी है । भचक्र में 0 से 30 अंश तक आती है । इस राशि में तीन नक्षत्र के 9 पद का समावेश है । अश्विनी के 4 पद भरणी के पद और कृतिका का 1 पद । यह पुरुष जाति, अग्नितत्व और लाल रंग, क्षत्रिय वर्ण, रजोगुणी व पूर्व दिशा का स्वामी तथा मस्तक के ऊपर वाले भाग का बोध करवाती है । मंगल इस राशि का स्वामी है और नक्षत्र के अनुरूप जातक का रंग रूप होता है । यदि भरणी नक्षत्र में जन्म हो तो रंग गोरा होता है, बदन
गठीला तथा बाल घुंघराले होते हैं । स्त्री वर्ग बाल लम्बे होते है । आँखे
सुन्दर तथा चंचल होती हैं । उनकी स्मरणशक्ति अधिक तेज होती है । जातक घूमने व फिरने वाला यदि ग्रह स्वामी अच्छा हो तो जातक बहुत उन्नति करता है और कार्य क्षेत्र ज्यादा तरक्की करता है तथा बाहर व भीतर अधिक अपने दुश्मनो पर काबू पा लेता है ।
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