Wednesday, November 20, 2024

29 मार्च 2025 विक्रमी संवत 2082 का शुभारंभ होगा



                                                           
 ॐ श्री गणेशाय नमः, मां सरस्वती नमः और समस्त देवी और देवताओं को नमः करती हुईं हूं मैं थोड़ा सा ज्ञान रखतीं हू कि विनती करती हूं लिखें मे भूल चूक हो आप सभी पाठकों से क्षमा करें l                           सिद्धार्थ नामक संवत्सर का फल :- नया विक्रमी संवत 2082 , चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा, मार्च, सन् 2025 ई ० शनिवार से प्रारम्भ होगा l सिद्धार्थ नामक संवत्सर का फल है: शास्त्रों में किया गया है कि 

                 विक्रमी संवत 2082, संवत्सर (उत्तर) सिद्धार्थ, संवत्सर विश्ववस्षु, अयन उत्तरायण, गुजराती संवत् 2081, शक संवत् 1947, शक, कली संवत् 5126 में प्रवेश कर रहे हैं l     

               आकाश मंडल ग्रहों की स्थिति शुभाशुभ प्रकृति से अच्छे और बुरी घटनाओं घटित होती हैं l सिंह लग्न की कुण्डली बन रही हैं भारतीय समय 16: 27 मिनट पर सिंह लग्न में होगा और मीन राशि में स्थित सूर्य, चंद्र, बुध, शुक्र और राहु स्थित हैं l सूर्य और चन्द्र उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में स्थित है l प्राकृतिक प्रकोप से बादल फटने से कृषि क्षेत्रों में भारी बारिश होने से फसलों को हानि होगी और जिसके बाद अनाज नष्ट होने से कीमतों में वृद्धि होगी l विदेशों में सोना और चांदी महंगी रहेगी l जनजीवन अस्त वस्त हो जाएगा l कई राज्यों में शासन व्यवस्था में बदलाव लाने का प्रयास किया जा सकता हैं और राजनेताओं में मतभेद होंगे l धन को माध्यम से तोल मोल करने से सामाजिक मूल्यों और नैतिक मूल्यों का हरण करने का प्रयास किया जा सकता हैं l सातवें स्थान पर शनि देव लग्न में दृष्टि कर रहे हैं जो कठिन समस्याओं को दूर करने में रुकावट आ सकती हैं l प्राकृतिक आपदाओं से अग्निकांड,भूकम्प,तूफान से भारी हानि हो सकती हैं l   

          नव वर्ष विक्रमी संवत 2082 , मार्च 16, 2025 को शनिवार को शुभारंभ होगा | इस वर्ष के राजा और मंत्री का पद सूर्य देव हैं l जिस   वर्ष राजा का पद सूर्य को, मंत्री सूर्य देव पद एक ही ग्रह   के पास हो , तो उस वर्ष विभिन्न देशों के राजनेता,   निरंकुश, स्वार्थ पूर्ण और मनमाना आचरण करेंगे l यह   कथन हमारे शास्त्रों में वर्णित किया है कि प्राकृतिक  आपदाओं से अग्निकांड, भूकम्प, बाढ़ और साम्प्रदायिक,   हिंसक और जातीय उपद्रव अधिक होने वाली होती हैं l चट्टानों का खिसकना, गिरना, अचानक से होगा l चोरी, डकैती, मानसिक तनाव और भयंकर बीमारियों से ग्रसित होने वाली हैं l गर्मी में उष्णता से परेशानी बढ़ेंगी l लोगों में क्रोध और आवेश अधिक होने से हिंसक घटनाओं घटित होने वाली हैं l सत्ता पक्ष नेताओं और विपक्षी नेताओं के मध्य टकराव और खींचातानी से अधिक होने से देश का वातावरण प्रभावित होगा l अनाज की कमी से और वर्षा की कमी से उत्पादन कम होगा और जनता में रोष प्रकट होगा l आर्थिक मुद्रा के गिरने से महंगाई जोर पकड़ सकती हैं रोजगार नहीं मिलने से जनता में धन कमी से आपसी संबंध खराब होगे l सूर्य को मंत्री पद से प्रशासनिक अधिकारियों में परस्पर विरोध बढ़ने की संभावना है l केन्द्र सरकार और राज्यों सरकारों में आपसी सहमति बनाना कठिन होगा l कर टैक्स अधिक होने से छोटे व्यापारी वर्ग को कठिनाई हो सकती हैं l सरकारी संस्थाओं को बचने से , निजी क्षेत्रों में व्यापार होने से दैनिक जीवन में अधिक कठिन होगी l पूंजीपतियों अधिक लाभ होगा और मध्य वर्ग को अपना जरूरत का सामान लेना कठिनाई होगी l पेयजल, दूध, तेल, फल और सब्जियों और रसदार वस्तुओं की कमी होने से चोरी और लूटेरों की वृद्धि होगी l सभी प्रशासन अधिकारियों में रोष बढ़ जाएगा l आधुनिक युग में अनैतिक कार्यों में वृद्धि होगी और एकाधिकार को बढ़ावा और नैतिक विकास के नाम पर ठगी करने वाले संख्या में वृद्धि होगीl नैतिकता और सामाजिक मूल्यों का लोप हो जाएगा l

     2.      .मंत्री सूर्य का फल:- 🌞इस वर्ष सूर्य को मंत्री का पद मिला है और प्रशासकों में परस्पर विरोध एवं स्वार्थ से टकराव होता दिखाई देगा l पृथ्वी पर धन धान्य आदि सुख साधनों का प्रसार अधिक बढ़ेगा l देश में चोरों और लुटेरों संख्या में वृद्धि होगी l रोगों का प्रकोप बढ़ जाएगा l पेय पदार्थो  और रसदार सब्ज़ियों के दाम भी बढ़ जाएंगे l जीवन उपयोगी वस्तुओं का अभाव होता दिखाई देगा l 

             विक्रमी संवत 2082 में सिद्वार्थी संवत्सर होने से वर्षा अधिक मात्रा में होगी l मेघेश सूर्य देव होने से बाढ़ आ सकती हैं और ग्रहों की स्थिति में कई राज्यों में कम वर्षा से पड़ने वाली है l 

   3.      सस्येश बुध का फल :- ग्रीष्मकालीन फसलों के स्वामी बुध हो, तो उस वर्ष बादलों से वर्षा बहुत अधिक होती हैं,देश में सुख समृद्धि बढ़ने का आशा होती हैं l आतंक वादी और  उग्रवाद एवं उपद्रव की घटनाओं में कमी आ सकती हैं l ब्राह्मण और पंडित का ध्यान वेद पाठ और यज्ञ कार्यों को पूरा करने में लगे रहते हैं l वातावरण प्रभावित होता हैं जिसके कारण से गेहूं, चने, बाजरा की फसलें अच्छी होती हैं l

   4.        दुर्गेश शनि देव का फल : - इस वर्ष के दुर्गेश शनि देव हो, तो , अनेक देशों में आंतरिक मामलों में दंगे, बाहरी वातावरण में युद्ध भय  से और आतंकित लोगों को अन्य स्थानों को पलायन करना पड़े l जातीय एवं साम्प्रदायिक झगड़े फ़िसाद एवं टकराव की घटनाएं हो l  कही चूहों, विषाक्त कीटाणुओं, अनावृष्टि, अतिवृष्टि, प्राकृतिक आपदाओं से भारी हानि हो सकती हैं l 

     5.           धान्येश चन्द्र का फल:- धान्य के स्वामी चन्द्र हो, जनसंख्या में वृद्धि होती हैं l शीतकालीन फसलें चावल,  गन्ना, कपास आदि की पैदावार में वृद्धि होती हैं l धान्येश चन्द्र का फल:- धान्य के स्वामी चन्द्र हो, जनसंख्या में वृद्धि होती हैं l शीतकालीन फसलें चावल,  गन्ना, कपास आदि की पैदावार में वृद्धि होती हैं l आधुनिक युग में चन्द्र वर्षा से नदियों में पानी स्तर सामान्य हो l 

       6.          रसेश शुक्र का फल:-   शुक्र रसेश हो, लोग यज्ञ, दान और धर्म एवं मांगलिक कार्यों करने के लिए तत्पर रहते है l वर्षा अधिक मात्रा में होती हैं, जिससे धरती पर सुख, समृद्धि की वृद्धि होती हैं l जनता लोक कल्याण के कार्य को खुशी होगें l 

     7.       धनेश और कोश पति ' मंगल का फल :- नववर्ष मंगल को धनेश का कार्य करने का सौभाग्य मिला है l थोक बाजार में व्यापारिक वस्तुओं के मूल्यों में उतार - चढ़ाव होता दिखाई देगा l शेयर बाजार में भी उच्च स्तर तक उछाल आएगा और गिरावट आएगी l शेयर बाजार में अस्थिर होने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छी नहीं होगी l जनवरी महीने में वर्षा नहीं होने से फसलों में कमी आने की संभावना है और इस वर्ष में भुखमरी और चोरी हो सकती हैं l जनता को परेशानी हो तो देश में अस्थिरता और अनिश्चितकालीन समय पर अशांति फैलने लगेगी l प्रशासन की ओर से गलत तरीके से नीतियों बनाने से जनता में रोष व्यक्त किया जा सकता है l राजनीतिक दलों में मतभेद होगा l आर्थिक स्थिति में गिरावट आएगी और जनता को अपनी आवाज उठाने में जुट जाएगी और सामाजिक मूल्यों और स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रदान करने में असफल रहे l आगजनी की घटनाओं घटित होने वाली है l 

मेघेश (मौसम, वर्षा और पानी) सूर्य का फल :- इस वर्ष में वर्षा की कमी से अनाज का उत्पादन कम होगा l समाज में अराजकता जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती हैं और धर्म के नाम पर धोखा,भय, अशांति फैलने लगेगी और पाखंडी की वृद्धि हो जाएगी l प्राकृतिक प्रकोप से दुर्भिक्ष की स्थिति उत्पन्न होगी l पाप, अत्याचार की वृद्धि हो सकती हैं जिससे धरती पर सुख और समृद्धि का अभाव दिखाई देगा l             

      नीरसेश (धातु और व्यापार) बुध के स्वामी :-  इस वर्ष देश और विदेशों में रंगीन वस्त्रों का उपयोग किया जाएगा और फैशन जोर पकड़ सकता है l सोना और चांदी, चन्दन, सभी पदार्थो के दामों में तेजी रहेगी l     

       फलेश (फल फूल के स्वामी ) शनि का फल:-  शनि देव को दंडी स्वामी माना जाता हैं और पूर्व जन्मों के कर्मों का फल देना होता हैं l शनि देव फ्लैश हो तो लोगों में आपसी मतभेद होगा और लोग कलह करते रहे l समाज में दुष्टों की वृद्धि से देश में अराजकता और कलह से जनता में अशांति फैलने का भय बना रहेगा l शहरों में जनसंख्या में वृद्धि होगी l जंगली पेड़ों एवं फूलों की संख्या में वृद्धि होगी l 



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