नक्षत्र का ज्ञान:- स्कन्द पुराण के अनुसार तारों की सख्या असख्य हैं | आधुनिक खगोल शारित्रयों ने क्रांन्तिवृत के दोनों ओर 9डिग्री south -9 डिग्री north अंश के राशिपथ यानि भचक्र में आने वाले मुख्य तारा समूह एवं नक्षत्रों की 88 को मान्यता दी हैं । जबकि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ये 27 नक्षत्रों बतायें गये हैं ।
सभी ग्रहो को नक्षत्रोके घिरे हुए स्थान में गुजरना पड़ता है। क्रांतिवृत :- वह मार्ग जहाँ आकाश में सूर्य का प्रकट मार्ग जिसमें वह पृथ्वी के चारों ओर से धुमता हुआ प्रतीत होता हैं ।
सभी ग्रह आकाश मण्डल में क्रांतिवर्त की भान्ति भचक्र के 360 डिग्री अंश होते हैं एक नक्षत्र 13 डिग्री अंश 20 कला का होताहै। ज्योतिस शास्त्र में चन्द्रमा का बहुत महत्व हैं और चन्द्रमा के
नक्षत्रों का अधिक महत्व हैं । चन्द्रमा हमारे मन का कारक हैं तथा पृथ्वी
से ज्यादा समीप हैं और जन्म के समय बच्चे पर इसका विशेष प्रभाव होता है
इसलिये चंद्रमा के नक्षत्र को विशेष महत्व दिया जाता हैं । चन्द्रमा की
सबसे अति शीध्र हैं एक नक्षत्र अपनी दुरी एक दिन -रात में तय कर लेता हैं ।
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