अयन
   
     संवत् में दो अयन होते है । उत्तरायण और दक्षिणयन  
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 उत्तरायण :- आज 14 जनवरी 2015 को सूर्य ने मकर राशि में प्रवेश किया है 
उत्तरायण आरम्भ हुआ है छ: मास उत्तरायण रहेगा । जब तक सूर्य मकर राशि से 
मिथुन राशि में रहता वह उत्तरायण काल कहा जाता है यह अवधि लगभग 22 से 
प्राय: 21 जून तक रहती है । उत्तरायण में सूर्य में शिशिर, बसंत, और 
ग्रीष्म ये तीन ऋतुएँ आती है और उत्तरायण को देवताओं का दिन माना जाता है 
सभी शुभ कार्य जैसे :- विवाह, गृह प्रवेश, यज्ञ , देव स्थापना आदि किये जाते है । 
 दक्षिणायन :-
    यह काल देवताओ की रात्रि मानी जाती है । जब सूर्य कर्क राशि से धनु राशि में संचार करता है यह समय २१जुन से 21 दिसंबर तक 6 मास के लिए होती है ।  दक्षिण काल में कोई शुभ कार्य नही किया जाता है इस काल तामसिक प्रयोग किये जा सकते है इस काल में वर्षा, शरद और हेमन्त ऋतु आती है । 
 
 
 
 
          
      
 
  
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
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