युग :-
पाँच सम्वतसर का एक युग होता है उनका एक स्वामी होता है प्रभव से प्रजापति तक सम्वतसर का प्रथम युग कहलता है इसके स्वामी भगवान विष्णु है ।
पाँच सम्वतसर का एक युग होता है उनका एक स्वामी होता है प्रभव से प्रजापति तक सम्वतसर का प्रथम युग कहलता है इसके स्वामी भगवान विष्णु है ।
दूसरा युग - बृहस्पति 
तीसरा युग - इन्द्र 
चौथा युग  - अग्नि 
पचम युग  - विश्वकर्मा 
छटा युग  - अहिबुर्धन्य 
सातवां युग  - पितर 
आठवाँ युग  - विश्वे देवा 
नौवा युग   - चन्द्र 
 दसवाँ युग - इन्द्र  गिन 
 ग्याहर युग - अशिवनी 
बाहरवा युग  - भ 
 
No comments:
Post a Comment