Tuesday, March 1, 2016

Gemini Rashi (मिथुन राशि)

  मिथुन राशि :-  यह भचक्र की तीसरी राशि है , इसकी प्रकृति द्धिस्वभाव,वायुतत्व,पुरुषजाति तथा विषम राशि है । यह हमारे छाती के ऊपरी  भाग,कन्धे तथा भुजाएं का प्रतिनिधत्व करती है । शूद्र वर्ण, स्त्री व पुरुष की जोड़ी का आकर वाली राशि है । बुध ग्रह इस राशि का स्वामी है । मृगशिरा के अन्तिम दो चरणो,आर्द्रा नक्षत्र चार चरण और पुनर्वसु के तीन चरण से इस राशि का निर्माण होता है । राशि का स्वामी बुध और नक्षत्र स्वामी मंगल के प्रभाव से जातक व्यवहार कुशल तथा गलत ढ़ग धन कमाकर धन अर्जित करता है । आर्द्रा नक्षत्र के स्वामी है राहु, इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक मन्त्र शक्ति, नशीली वस्तु का सेवन करने वाला बन सकता है । पुनर्वसु नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक सुख भोगने वाले, अपनी ससुराल से धन प्राप्त करने वाला और दन्त रोगी होता है | ऐसे जातक   चंचल, स्वार्थ की भावना से युक्त, जल्दी नराज होते है । लम्बा  कद, पढ़ने लिखने के शौकीन, ठोडी के पास गड्डा यदि राशि पर अशुभ ग्रह का प्रभाव होतो लम्बाई असामान्य तथा नाक चपटी होती है ।पुस्तक विक्रेता , गणितज्ञ, कम्प्यूटर,दूरसंचार आदि का व्यवसाय कर सकता है ।
 

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