19 फरवरी, 2022 को 12 घंटे 15 मिनट भारतीय मानक समय पर गुरु की सूर्य युति कुम्भ राशि में होने जा रही है। बृहस्पति राहु नक्षत्र शतभिषा में स्थित है। बृहस्पति और सूर्य कुम्भ राशि की युति में हैं। बृहस्पति और सूर्य दोनों ग्रहों के बीच 11° का अंतर है
बृहस्पति की दहन स्थिति होने वाली हो, तो इस अवधि के दौरान सभी शुभ अवसरों को स्थगित कर देना चाहिए। जब बृहस्पति वृद्धावस्था में होता है, दहन अवस्था में होता है। उदाहरण के लिए विवाह, विद्यालय में संतान का प्रवेश, नया मकान निर्माण, कुआं खोदना, तालाब, बाग, व्रत का आरंभ और अंत, व्रत का उद्घापन ,नवविवाहित पत्नी में गृह प्रवेश, यज्ञ, योगियों का संस्कार, नव-विकसित अनाज खाना, ज्योतिष सीखना, भगवान का समारोह, नए पद की शपथग्रहण, अंगूठी समारोह,सगाई , नया वाहन खरीद, शादी के लिए नए कपड़े, आभूषण, मुंडन समारोह, मन्दिर में मूर्ति प्राणप्रतिष्ठा करना, गोदभराई की रस्म,विवाह के लड़का या लड़की देखना, कोई भी मंगलकार्य करना, नए मकान की नींव रखना, नये घर प्रथम बार प्रवेश करना वर्जित मानेजाते है।जिस दिन से बृहस्पति दहन अवस्थामें जाने वाले हो तो उससे तीन पहले और तीन बाद में कोई शुभ कार्य नही करना चाहिए।

 
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