घर के निर्माण में आय का विचार करना चाहिए। गृह स्वामी के हस्तादि लम्बाई और चोड़ाई को परस्पर गुणा कर,उसको आठ से भाग दे देखना चाहिए और भाग करने के बाद जो शेष बचता हैं।वह क्रम से ध्वजादि आय होते है।1 ध्वज 2 धूम्र 3 सिंह 4 शवान 5 वृषभ 6 गर्दभ 7 हसित 8 शून्य
इनमे एक ,तीन, पाँच और सात विषम संख्या की आय शुभ होती हैं।सम सख्या को अशुभ माना जाता है। घर के लिए जो भूमि खरीद कर रहे हैं उस भूमि को अन्दर की ओर से मापना चाहिए। 32 हाथ चौड़े घर में आय आदि विचार की आवश्यकता नहीं पड़ती है।नही चार दरवाजो वाले घर में ही।
ब्राह्मण जाति के लिए ध्वजाय,
क्षत्रियों के लिए सिंहाय
वैश्य समाज के लिए गजाय और
शूद्र वर्ग के लिए वृषभाय विशेष शुभ होती हैं।
अन्य आय जाति के लिए शुभ होती हैं।ग्रह का निर्माण करते समय राशि और दिशा का विचार करना चाहिए। 1. मेष राशि - उत्तर दिशा
नाम जन्म नक्षत्र के अनुसार |
वर्णमाला |
नाम |
अश्विनी |
चू, चे, चो, ला |
मेष राशि |
भरणी |
ली, लू, ले ,लो |
मेष राशि |
कृतिका |
अ, इ, उ, ए |
वृषभ राशि |
रोहिणी |
ओ, वा, वी, वु |
वृषभ राशि |
मृगशिरा |
वे, वो, का, की |
मिथुन राशि |
आर्द्रा |
कू, घ, ड, छ |
मिथुन राशि |
पुनर्वसु |
के को, ह, हि |
कर्क राशि |
पुष्य |
हु, हे, हो,डा |
|
आश्लेषा |
डी, डु, डे, डो |
|
माघ |
माँ, मी, मु, मे |
|
पूर्वा फाल्गुनी |
मो, ता, टी, तू, |
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उत्तरा फाल्गुनी |
टे, टा, पा, पी |
कन्या राशि |
हस्त |
पू, ष, ण, उ |
|
चित्रा |
पे, पो, रा, री |
|
स्वाति |
रु, रे, रो, ता स |
|
विशाख |
टी, तू, ते, तो |
वृश्चिक राशि |
अनुराधा |
ना, नी, नु, नी |
वृश्चिक राशि |
ज्येष्ठ |
न हीं, हां, यी, यू |
वृश्चिक राशि |
मूला | ये ,या, यी, यू | धनु राशि |
पूर्वाषाढ़ा |
भू, ध,फ़,ढ़ |
धनु राशि |
उत्तराषाढ़ |
भे, भो, जा,जी |
मकर राशि |
अभिजीत | जू, जे, जो, खा | मकर राशि |
श्रवण |
खी, खू, खे, खो ई |
मकर राशि |
धनिष्ठा |
|
कुंभ राशि |
शतभिषा |
गो,सा, सी, सू |
कुंभ राशि |
पूर्वाभाद्रपद |
से, सो, दा, दी |
मीन राशि |
उत्तराभाद्रपद रेवती |
दू, थ,झ,अं दे, दो, चा, ची |
मीन राशि मीन राशि |
शतभिषा
जाओ, सा, देखो, सू
पूर्वभाद्रपद
मीन राशि
से, सो, दा, दी
उत्तरा भाद्रपद
दू, थ, झा, अनू
रेवती
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