Thursday, December 1, 2022

14 अप्रैल 2023 (विक्रमी संवत 2080) की वर्षेश कुण्डली

           14 अप्रैल 2023 को भारतीय समयानुसार दोपहर 14 बजकर 57 मिनट पर सूर्य अपनी मेष राशि में गोचर करेगा और मेष राशि में राहु और बुध पहले से ही मौजूद हैं। मंगल देव मिथुन राशि में स्थित हैं। भगवान ब्रह्मा पृथ्वी पर जीवों के निर्माता हैं।    


                             




                      14 अप्रैल 2023 को भारतीय समयानुसार दोपहर 2 बजकर 57 मिनट पर सूर्य अपनी मेष राशि में गोचर करेगा और मेष राशि में राहु और बुध पहले से ही मौजूद हैं। मंगल देव मिथुन राशि में स्थित हैं। भगवान ब्रह्मा, विष्णु और शिव पृथ्वी पर जीवों के निर्माण का प्रबंधन करते हैं। हमारे ब्रह्मांड में 12 राशियां, नौ ग्रह और 27 नक्षत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। नौ ग्रहों पर स्थित स्थिर नक्षत्र प्राणियों की भाग्य रेखाओं में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। उसके बाद ग्रहों का गोचर विशेष भूमिका निभाता है। नव विक्रमी संवत और हिन्दू नववर्ष शुभ हो इसके लिए चैत्र मास में मां दुर्गा शक्ति की पूजा की जाती है। इस दिन मेष संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। सूर्य देव अपनी पहली राशि में प्रवेश कर रहे हैं। विश्व चक्र के स्वामी और आकाशीय परिषद ग्रहों के गोचर से शुभ और अशुभ समय का पता चलता है।  इस वर्ष में कुण्डली अनुसार सिंह लग्न की कुंडली है और उसके सप्तम भाव में शनि देव विराजमान हैं। शनि कुम्भ राशि में स्थित है ।अपनी सातवीं दृष्टि से लग्न और  अपनी नीच दृष्टि से सूर्य और राहु को देख रहे हैं। मंगल ग्रह मिथुन राशि में स्थित है और शनि देव इसके सप्तम भाव में विराजमान हैं। शनि कुम्भ राशि में स्थित है। वह अपनी सप्तम दृष्टि से लग्न को देख रहा है और अपनी नीच दृष्टि से सूर्य और राहु को देख रहा है। मंगल मिथुन राशि में स्थित है। शनि मंगल से नवम भाव में स्थित है और मंगल शनि से पंचम भाव में स्थित है। नवम और पंचम योग बन रहे हैं और दुनिया में उथल-पुथल और उथल-पुथल के संकेत हैं जो दुनिया की शांति को भंग करने वाले हैं। पाकिस्तान, चीन, अमेरिका, कोरिया और श्रीलंका आंतरिक संघर्ष के विश्व चक्र को बाधित कर सकते हैं। युद्ध जैसी स्थिति बनेगी। साम्प्रदायिक हिंसा, राजनीतिक मतभेद, भूकंप और बीमारियाँ बढ़ने के संकेत हैं। 11 मई 2023 को मंगल कर्क राशि में गोचर करेगा। मंगल और शनि 6/8 की स्थिति में होकर षडाष्टक योग बना रहे हैं। कई देशों और राज्यों के आंतरिक और बाहरी सीमा क्षेत्रों में प्राकृतिक प्रकोप, भूकंप, भूस्खलन आदि की घटना की संभावना है। समुद्र में तूफान आने वाला है। दक्षिणी देशों में युद्ध होने जा रहा है। इन सब घटनाओं के घटित होने से जनता दु:खी और संकट में होगी। धन हानि से लोग दुखी रहेंगे।


          21 अप्रैल 2023 को गुरु अस्त अवस्था में मीन राशि में गोचर करेगा जिसके कारण भारत में युद्ध होने जा रहा है। सीमा सुरक्षा बल दिया जाए। अमेरिका तथा पड़ोसी देशों में प्रतिकूल परिस्थितियाँ बनेंगी। बृहस्पति 22 अप्रैल 2023 को मेष राशि में प्रवेश करेगा। 30 अप्रैल 2023 को मार्गी अवस्था में गोचर करेगा। 11 फरवरी 2024 से 16 मार्च तक शनि अस्त अवस्था में रहेगा। 16 मार्च 2024 से मंगल और शनि एक राशि में स्थित होंगे और देश में रोग और प्राकृतिक आपदा, उग्रवाद, साम्प्रदायिक दंगे, हिंसा, रक्तपात, आगजनी और बढ़ते रक्त प्रवाह की घटनाएं देश में देखने को मिल सकती हैं। विकट परिस्थितियाँ बनेंगी। परमाणु हथियारों को दुनिया में युद्ध और तबाही को न्यौता देने के तौर पर देखा जाएगा। दुनिया के लोगों को उसे दान और पूजा करने की जरूरत है।

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