Tuesday, February 7, 2023

31 मार्च 2022 से 30अप्रैल 2023 बृहस्पति मीन राशि में दहन अवस्था में रहेंगे 


 

          बृहस्पति का अस्त 31 मार्च 2023 को 18:37 बजे होने जा रहा है। बृहस्पति 29 अप्रैल 2023 तक अस्त अवस्था में रहेगा। सूर्य और गुरु अस्त अवस्था में मीन राशि में गोचर करेंगे और राहु+बुध+शुक्र मेष राशि में स्थित है। मंगल मिथुन राशि में और चंद्रमा कर्क राशि में, शनि कुंभ राशि में, यहां से राहु+बुध+शुक्र मेष राशि में रहेगा। केतु अपनी सप्तम दृष्टि से राहु+बुध+शुक्र को देख रहा होगा। मंगल की विशेष दृष्टि रखेंगे। शनि नव पंचम योग बना रहा है।  देश में रोग और प्राकृतिक आपदा, उग्रवाद, सम्प्रदाय उपद्रव, हिंसा,खून खराबा, आगजनी, रक्त प्रवाह बढ़ता घटनाएं देख सकते हैं । विकट परिस्थितियों का निर्माण होगा। विश्व में परमाणु हथियार की युद्ध और विनाश को न्योता देते दिखाई देगे।उसके संसार लोगो को दान पुन और पूजा अर्चना करने की आवश्यकता है।



             बृहस्पति दहन अवस्था  स्थिति में होने जा  रहे  है, सभी शुभ कार्यों और अवसरों को स्थगित कर देने  चाहिए। ज्योतिष शास्त्र  के अनुसार बृहस्पति की वृद्धावस्था और  ही दहन अवस्था में रहते है । उदाहरण के लिए विवाह, बच्चे का प्रथम प्रवेश, नए घर का निर्माण, कुआं खोदना, तालाब, बगीचा, व्रत का आरंभ और अंत, व्रत का उद्घाटन, नवविवाहित पत्नी का गृह प्रवेश, यज्ञ, योगियों के संस्कार, नव विकसित अनाज भोजन, ज्योतिष सीखना, भगवान का समारोह, एक नए कार्यालय की शपथ ग्रहण, अंगूठी की रस्म, सगाई, एक नया वाहन खरीदना, शादी के लिए नए कपड़े, आभूषण, मुंडन समारोह, मंदिर में मूर्ति का अभिषेक, गोद भराई की रस्म , विवाह के लड़के या लड़की को कोई भी शुभ कार्य करते हुए देखना, नए घर की नींव रखना, नए घर में पहली बार प्रवेश करना वर्जित माना गया है। जिस दिन बृहस्पति अस्त अवस्था में प्रवेश करने वाला हो उस दिन से तीन दिन पहले और तीन दिन बाद तक कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।

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