Tuesday, October 31, 2023

8 अप्रैल 2024 को नव विक्रमी संवत 2081 का शुभारंभ होगा


                                                         




           8 अप्रैल 2024 को चैत्र मास कृष्ण पक्ष अमावस्या तदनुसार रात्रि को 23 बजकर 53 मिनट पर धनु लग्न की कुण्डली में कालयुक्त नामक नव वर्ष विक्रमी संवत 2081 से प्रवेश करेगें। मंगल नव वर्ष के राजा है और शनि मंत्री होगे। उत्तर पूर्व दिशा में सभी ग्रह स्थित है। मंगल और शनि कुम्भ राशि में स्थित है। मीन राशि में सूर्य, चंद्र और राहु  ,बुध स्थित है। लग्न के स्वामी बृहस्पति और शुक्र वृष राशि में स्थित है।रोहिणी वास संधिकाल में हो रहा है भूमि तत्व से सम्बन्धित होता है और नदी, नहर और सागर का तट, खेत खलियान, जड़ी बूटियों उत्पादन उद्यान , रेलवे स्टेशन, बस अड्डा, बंदरगाह, परिवहन स्थल, शापिंग कांप्लेक्स , मॉल, हीरे जवाहरात के कारखाने, फिल्म उद्योग, पर्यटन सेवा केन्द्र सम्बन्धित होता है। प्रवेश कुण्डली वैश्य समाज से जुड़े हुए हैं धन संपत्ति का दबदबा धनी व्यक्ति वर्ग से सम्बन्धित है और अपनी सोच सही नहीं होगा। समाज में अराजकता फैला होगा।

                                       


                           मंगल और शनि तीसरे भाव में स्थित है। शनि की तीसरी दृष्टि बृहस्पति और शुक्र पर है। मध्यप्रदेश में भारी बारिश होने से फसलों को क्षति होगी । जिससे उज्जैन और मध्य प्रदेश महंगाई दर वृद्धि होगी और जनता को परेशानी होगी। उत्तर भारत में प्राकृतिक आपदा की घटनाएं होगी जैसे भूकंप, आगजनी, उग्रवाद से प्रभावित करेगे। मंगल की चौथी दृष्टि छटा घर पर है बीमारी प्रकोप बढ़ सकता है। चीन पाकिस्तान से युद्ध जैसी स्थिति बना रहेगी।उसके लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने की आवश्यकता है।

            पंजाब झारखंड मनीपुर, कश्मीर,केरल, गोवा, यूपी, बिहार, मिजोरम में सांप्रदायिक तनाव होने की घटनाएं होगी। सुनामी चेतावनी है। भूकंप, भूखलन अचानक से बड़े पैमाने पर होगी।


                     कालयुक्त नामक नव वर्ष  विक्रम संवत बहुत ही महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह देश     दुनिया में अच्छी और बुरी परिस्थितियों के विषय में अवगत कराया है। राजा शक्तिशाली होता है और    मंत्री जी के सहयोग का बोध होता है। मंगल अग्नि तत्व और तामसिक और शनि वायु तत्व, मलेच्छ और धीमी गति से चल रहे होते हैं। मुस्लिम देशों में टकराव एवं सीमा प्रांतों अशांत रहता है। आकाशीय स्थिति और ग्रह गोचर के आधार पर गृह युद्ध के संकेत दिए हैं और देश में विद्रोह से कुछ क्षेत्र किसी देश में विलय होने होने की संभावना है।कुल मिलाकर ग्रह स्थित देश के लिए अनुकूल नहीं है।तीसरा स्थान हमारे घर का प्रवेश द्वार पर मंगल और शनि क्रूर ग्रह स्थित है हमारे देश मे लेखन में शक्ति समाहित होती है हमारा लेखन कार्यशैली अच्छा और बुरे से वातावरण प्रभावित करेगे। पत्रकार की सोच सही नहीं होगी देश में होने वाली यथास्थिति बरकरार रखना चाहिए और जो स्वार्थी लोग प्रलोभन में अवरोध उत्पन्न होगा और सच्चा संपादक श्रेष्ठ लेखनी से देश में जागृति पैदा कर सकता है लेकिन ऐसा नहीं होगा। समाचार पत्र और पत्रिकाओं में प्रकाशित होगे और तथ्य से भटक रहे हैं। संचार माध्यम से वास्तविकता से दूरी बनाए रखेंगे।जिससे देश में आंदोलन, सांप्रदायिक तनाव, आगजनी घटनाओं, भौतिक प्रगति में बाधक, पड़ोसी देशों से संबंध अच्छे नहीं होगे। आपसी तालमेल का अभाव रहेगा। पूंजी पतियों का दबदबा कायम रहेगा। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होगी। तीव्र इच्छा से बच्चे प्रभावित करने और हत्या, मारपीट, दुर्घटना, विरोधियों से प्रभावित होकर पाप कार्य में लिप्त पाए जाएंगे। नैतिक मूल्यों का हनन किया जा सकता है। युद्ध जैसी स्थिति बनी रहेगी। निरंकुश शासन, तानाशाही रवैया अपनाया गया है। आक्रामक स्वभाव, शिक्षा के क्षेत्र में अवरोध उत्पन्न होगा। 

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