Tuesday, December 10, 2024

ON APRIL 14. 2025 YEARLY LAGNA KUNDALI VIKRAM SAMVAT 2082 SUN IN ARIES ZODIAC

 On April 15, 2025, 03:21 Indian Standard Time, the Sun is going to transit in Aries and at that time, the Sun will be located in Ashwini Nakshatra. Ketu is the lord of Ashwini Nakshatra. Ashwini Nakshatra is the first place in the constellation and is the star of creation, so woman is considered a symbol of creative power. The horse's head is the symbol of Ashwini Nakshatra and the symbol indicates the beginning and the parts of Aries are similar to the head and the first part of the human body is the head and all the organs are controlled by power and it shows mental emotion and leadership qualities.

                                           


 


        The Kundali of Aquarius Ascendant is being formed and the lord of the Ascendant Saturn is placed in Pisces and Rahu, Mercury and Venus are placed in the wealth house. Due to the feelings of hatred and revenge in the Muslim nations of the world, there will be a war in the Ganja belt and by declaring Israel as a criminal and a criminal against humanity, world peace will be disrupted. There is already a war going on between Ukraine and Russia and it is indicating the feeling of taking revenge internally in other countries. Venus is the lord of the fourth and ninth houses and is making a conjunction with Rahu and Saturn. Which is indicating the disruption of nuclear energy.

        Due to the transit of Sun in Aries, the people of Aries can get physically injured because Mars is the lord of Aries and it has come to the fourth place, being at a low speed there, one can get injured by a vehicle and the people in government jobs can have problems with the officers and there will be peace and happiness at home. There can be pain due to heart disease. Sun becomes of high quality in Aries.

         Lord of Taurus sign Venus is placed high in Pisces sign and time is good for Taurus sign people and Jupiter, the lord of fortune is placed in Taurus sign. Financial gains will be less and relatives will help you but someone may have to suffer physical pain. Rest of the time will be fine. There may be some loss in personal business.

            Gemini: - Mercury, the lord of Gemini, has become low in Pisces. Time is not good for people of Gemini and there can be differences in relations with their real brothers. There can be hindrance in work from the state government. Enemies can become stronger.

             Cancer: - Moon, the lord of Cancer, is in Libra. Mars has become low in Cancer and the time is not good for people of this sign. Your relations with your siblings may be good and some relative may have to suffer. Cough-bile disorder and cold and flu will persist. Dignity may be violated. Hence, donate the things related to Mars.

                  

Leo: - Time is good and you can get monetary benefits. You can get support from friends. You need to be careful while spending money. Think before doing any work.


              

Virgo: - Ketu is situated in Virgo sign and there can be conflicts with relatives and your enemies can become powerful. Diseases and mental health can deteriorate. If you work on time, you can avoid money loss. There can be vandalism. Try to go into politics.

           

Libra:- Surya is looking at Libra with his seventh sight and there can be problems at home. Health can deteriorate and you may not get help from friends. Money will be spent due to physical pain. This is the time to focus on your work area and take advantage.

               

Scorpio:- Make good use of time and you may gain money. You will gain in political field. Economic situation may improve and there is a possibility of change in government sector. There is a possibility of unrest in the house and you should be careful.

          

Sagittarius: - The lord of the sign is situated in the wealth house and the Sun's aspect is indicating that your health may deteriorate due to which you may suffer losses in business and there will be a financial shortfall and you need to concentrate. You will get support from friends. Worshiping Lord Shiva can make the time good. Be careful.

                 

Capricorn: - Capricorn people need to avoid blood related problems. Lord Shani Dev is placed in Pisces and there is an opportunity to get happiness and prosperity. It is time to join political parties and promote your business and take advantage. There may be happiness from children and couples may have problems. Everything else will be fine.

          

Aquarius: - Due to the aspect of Mars, there can be problems due to increase in stomach size and sudden changes can come in business because due to Saturn's Sadesati, there can be problems in the house and you will get support from friends. Financial condition is good and there will be increase in comforts.

              

Pisces: - Chaturgrahi Yoga is formed in Pisces and there are health related problems. Time is not good and there can be problems from all sides. Attention is needed in work. There is a possibility of monetary loss. Be careful in travelling and you will have to bear difficulties. You should do Puja and worship.

                  

There will be some growth due to Guru being situated in the fourth house of India's horoscope. From there, we are looking at the tenth house and there can be growth in industry. The country needs to be safe from the east, west, north and south directions and there is going to be a war with enemy countries and for this the ruling party leaders should be cautious.

Saturday, December 7, 2024

जनवरी 26, 2025, भारतवर्ष का 76 वा गणतंत्र दिवस

         

                                                          



                         भारतवर्ष का 76 वा गणतंत्र दिवस जनवरी 26, 2025, भारतीय मानक समय 15:46 मिनट पर शुभ मुहूर्त है और मिथुन लग्न की बनी हुई है और मंगल स्थित हैं l मंगल अपने शत्रु राशि में स्थित हैं l मंगल का कार्य अग्नि प्रवजलित करना है और जनवरी से मई तक का समय है बहुत ही कठिन दौर से गुजरेगा l प्राकृतिक आपदाएं भूकम्प, आगजनी घटनाओं, बीमारी, दुर्घनाओं, सत्ता पक्ष नेताओं को अशांति और अस्थिरता होगी l राजनैतिक दलों में मतभेद हो सकते हैं और तनाव पूर्ण मोहाल बना रहेगा l सामाजिक और राजनैतिक उथल - पुथल देश में दिखाई देगी l भारतवर्ष की कुण्डली में कार्यक्षेत्र का स्थान है l जोकि सामान्य के विपरीत होता दिखाई दे रहा हैं l संविधान और अर्थव्यवस्था, महंगाई, वित्तीय अनियमित उजागर होने वाली हैं l शेयर बाजार में गिरावट आएगी और आर्थिक मुद्रा में भी गिरावट आएगी l मंगल की दृष्टि सप्तम भाव पर है l  सूर्य और बुध अष्टम भाव में स्थित है और मंगल पुर्ण दृष्टि से देख रहे हैं l मार्च 14,2025  से 29 मार्च तक  में चतुर्ग्रही योग बन रहा हैं और 29मार्च से अप्रैल 13,2025 से पंचगृही योग के प्रभाव से यह सरकार के लिए असंमजस पूर्ण और विवशतापूर्ण परिस्थितियों बनी रहेंगी l

               सूर्य, राहु, शुक्र और बुध मीन राशि में स्थित होने वाले हैं l मीन राशि जल तत्व की राशि हैl शनि कुंभ में स्थित हैं और अपनी नीच दृष्टि से धन भाव को देख रहे हैं जो कि आर्थिक स्थिति में गिरावट आएगी और देश में विषम परिस्थितियों बनी रहेगी l किसी व्यक्ति विशेष के लिए समय कठिन होगा l

                    



29 मार्च 2025 को शनि मीन राशि में गोचर करेगा, तब मीन राशि में पंचग्रही योग बनेगा। लग्न स्वामी बुध अष्टम भाव में होगा, इससे संकेत मिलेगा कि धर्म के नाम पर सांप्रदायिक दंगे देखने को मिलेंगे। हरियाणा, छत्तीसगढ़, दो राज्यों में धर्म के नाम पर हिंसा, सांप्रदायिक घटनाएं होंगी। पंचग्रही योग सूर्य, बुध, राहु, चंद्रमा और शुक्र का मीन राशि में होना यह दर्शाता है कि अराजक तत्वों के कारण अशांति की संभावना है। विदेशी देश कनाडा में खालिस्तानी आंदोलन राजनेताओं के लिए परेशानी का कारण बनेगा। मीन राशि की कुंडली में हिमाचल प्रदेश में भूकंप, बाढ़, भीषण आग लगने की आशंका है। राज्य सरकार को कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा। शनि और शुक्र मकर राशि में होंगे जो संकेत देते हैं कि जम्मू-कश्मीर का कुछ हिस्सा कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहा है और सीमा क्षेत्र कठिन स्थिति में होगा। कर्म भाव में राहु कुछ कठिन परिस्थितियों का निर्माण करेगा। शनि और राहु का गोचर प्रभाव यह होगा कि चीन सीमा ने कठिन परिस्थितियों का निर्माण किया

Wednesday, November 20, 2024

29 मार्च 2025 विक्रमी संवत 2082 का शुभारंभ होगा



                                                           
 ॐ श्री गणेशाय नमः, मां सरस्वती नमः और समस्त देवी और देवताओं को नमः करती हुईं हूं मैं थोड़ा सा ज्ञान रखतीं हू कि विनती करती हूं लिखें मे भूल चूक हो आप सभी पाठकों से क्षमा करें l                           सिद्धार्थ नामक संवत्सर का फल :- नया विक्रमी संवत 2082 , चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा, मार्च, सन् 2025 ई ० शनिवार से प्रारम्भ होगा l सिद्धार्थ नामक संवत्सर का फल है: शास्त्रों में किया गया है कि 

                 विक्रमी संवत 2082, संवत्सर (उत्तर) सिद्धार्थ, संवत्सर विश्ववस्षु, अयन उत्तरायण, गुजराती संवत् 2081, शक संवत् 1947, शक, कली संवत् 5126 में प्रवेश कर रहे हैं l     

               आकाश मंडल ग्रहों की स्थिति शुभाशुभ प्रकृति से अच्छे और बुरी घटनाओं घटित होती हैं l सिंह लग्न की कुण्डली बन रही हैं भारतीय समय 16: 27 मिनट पर सिंह लग्न में होगा और मीन राशि में स्थित सूर्य, चंद्र, बुध, शुक्र और राहु स्थित हैं l सूर्य और चन्द्र उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में स्थित है l प्राकृतिक प्रकोप से बादल फटने से कृषि क्षेत्रों में भारी बारिश होने से फसलों को हानि होगी और जिसके बाद अनाज नष्ट होने से कीमतों में वृद्धि होगी l विदेशों में सोना और चांदी महंगी रहेगी l जनजीवन अस्त वस्त हो जाएगा l कई राज्यों में शासन व्यवस्था में बदलाव लाने का प्रयास किया जा सकता हैं और राजनेताओं में मतभेद होंगे l धन को माध्यम से तोल मोल करने से सामाजिक मूल्यों और नैतिक मूल्यों का हरण करने का प्रयास किया जा सकता हैं l सातवें स्थान पर शनि देव लग्न में दृष्टि कर रहे हैं जो कठिन समस्याओं को दूर करने में रुकावट आ सकती हैं l प्राकृतिक आपदाओं से अग्निकांड,भूकम्प,तूफान से भारी हानि हो सकती हैं l   

          नव वर्ष विक्रमी संवत 2082 , मार्च 16, 2025 को शनिवार को शुभारंभ होगा | इस वर्ष के राजा और मंत्री का पद सूर्य देव हैं l जिस   वर्ष राजा का पद सूर्य को, मंत्री सूर्य देव पद एक ही ग्रह   के पास हो , तो उस वर्ष विभिन्न देशों के राजनेता,   निरंकुश, स्वार्थ पूर्ण और मनमाना आचरण करेंगे l यह   कथन हमारे शास्त्रों में वर्णित किया है कि प्राकृतिक  आपदाओं से अग्निकांड, भूकम्प, बाढ़ और साम्प्रदायिक,   हिंसक और जातीय उपद्रव अधिक होने वाली होती हैं l चट्टानों का खिसकना, गिरना, अचानक से होगा l चोरी, डकैती, मानसिक तनाव और भयंकर बीमारियों से ग्रसित होने वाली हैं l गर्मी में उष्णता से परेशानी बढ़ेंगी l लोगों में क्रोध और आवेश अधिक होने से हिंसक घटनाओं घटित होने वाली हैं l सत्ता पक्ष नेताओं और विपक्षी नेताओं के मध्य टकराव और खींचातानी से अधिक होने से देश का वातावरण प्रभावित होगा l अनाज की कमी से और वर्षा की कमी से उत्पादन कम होगा और जनता में रोष प्रकट होगा l आर्थिक मुद्रा के गिरने से महंगाई जोर पकड़ सकती हैं रोजगार नहीं मिलने से जनता में धन कमी से आपसी संबंध खराब होगे l सूर्य को मंत्री पद से प्रशासनिक अधिकारियों में परस्पर विरोध बढ़ने की संभावना है l केन्द्र सरकार और राज्यों सरकारों में आपसी सहमति बनाना कठिन होगा l कर टैक्स अधिक होने से छोटे व्यापारी वर्ग को कठिनाई हो सकती हैं l सरकारी संस्थाओं को बचने से , निजी क्षेत्रों में व्यापार होने से दैनिक जीवन में अधिक कठिन होगी l पूंजीपतियों अधिक लाभ होगा और मध्य वर्ग को अपना जरूरत का सामान लेना कठिनाई होगी l पेयजल, दूध, तेल, फल और सब्जियों और रसदार वस्तुओं की कमी होने से चोरी और लूटेरों की वृद्धि होगी l सभी प्रशासन अधिकारियों में रोष बढ़ जाएगा l आधुनिक युग में अनैतिक कार्यों में वृद्धि होगी और एकाधिकार को बढ़ावा और नैतिक विकास के नाम पर ठगी करने वाले संख्या में वृद्धि होगीl नैतिकता और सामाजिक मूल्यों का लोप हो जाएगा l

     2.      .मंत्री सूर्य का फल:- 🌞इस वर्ष सूर्य को मंत्री का पद मिला है और प्रशासकों में परस्पर विरोध एवं स्वार्थ से टकराव होता दिखाई देगा l पृथ्वी पर धन धान्य आदि सुख साधनों का प्रसार अधिक बढ़ेगा l देश में चोरों और लुटेरों संख्या में वृद्धि होगी l रोगों का प्रकोप बढ़ जाएगा l पेय पदार्थो  और रसदार सब्ज़ियों के दाम भी बढ़ जाएंगे l जीवन उपयोगी वस्तुओं का अभाव होता दिखाई देगा l 

             विक्रमी संवत 2082 में सिद्वार्थी संवत्सर होने से वर्षा अधिक मात्रा में होगी l मेघेश सूर्य देव होने से बाढ़ आ सकती हैं और ग्रहों की स्थिति में कई राज्यों में कम वर्षा से पड़ने वाली है l 

   3.      सस्येश बुध का फल :- ग्रीष्मकालीन फसलों के स्वामी बुध हो, तो उस वर्ष बादलों से वर्षा बहुत अधिक होती हैं,देश में सुख समृद्धि बढ़ने का आशा होती हैं l आतंक वादी और  उग्रवाद एवं उपद्रव की घटनाओं में कमी आ सकती हैं l ब्राह्मण और पंडित का ध्यान वेद पाठ और यज्ञ कार्यों को पूरा करने में लगे रहते हैं l वातावरण प्रभावित होता हैं जिसके कारण से गेहूं, चने, बाजरा की फसलें अच्छी होती हैं l

   4.        दुर्गेश शनि देव का फल : - इस वर्ष के दुर्गेश शनि देव हो, तो , अनेक देशों में आंतरिक मामलों में दंगे, बाहरी वातावरण में युद्ध भय  से और आतंकित लोगों को अन्य स्थानों को पलायन करना पड़े l जातीय एवं साम्प्रदायिक झगड़े फ़िसाद एवं टकराव की घटनाएं हो l  कही चूहों, विषाक्त कीटाणुओं, अनावृष्टि, अतिवृष्टि, प्राकृतिक आपदाओं से भारी हानि हो सकती हैं l 

     5.           धान्येश चन्द्र का फल:- धान्य के स्वामी चन्द्र हो, जनसंख्या में वृद्धि होती हैं l शीतकालीन फसलें चावल,  गन्ना, कपास आदि की पैदावार में वृद्धि होती हैं l धान्येश चन्द्र का फल:- धान्य के स्वामी चन्द्र हो, जनसंख्या में वृद्धि होती हैं l शीतकालीन फसलें चावल,  गन्ना, कपास आदि की पैदावार में वृद्धि होती हैं l आधुनिक युग में चन्द्र वर्षा से नदियों में पानी स्तर सामान्य हो l 

       6.          रसेश शुक्र का फल:-   शुक्र रसेश हो, लोग यज्ञ, दान और धर्म एवं मांगलिक कार्यों करने के लिए तत्पर रहते है l वर्षा अधिक मात्रा में होती हैं, जिससे धरती पर सुख, समृद्धि की वृद्धि होती हैं l जनता लोक कल्याण के कार्य को खुशी होगें l 

     7.       धनेश और कोश पति ' मंगल का फल :- नववर्ष मंगल को धनेश का कार्य करने का सौभाग्य मिला है l थोक बाजार में व्यापारिक वस्तुओं के मूल्यों में उतार - चढ़ाव होता दिखाई देगा l शेयर बाजार में भी उच्च स्तर तक उछाल आएगा और गिरावट आएगी l शेयर बाजार में अस्थिर होने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छी नहीं होगी l जनवरी महीने में वर्षा नहीं होने से फसलों में कमी आने की संभावना है और इस वर्ष में भुखमरी और चोरी हो सकती हैं l जनता को परेशानी हो तो देश में अस्थिरता और अनिश्चितकालीन समय पर अशांति फैलने लगेगी l प्रशासन की ओर से गलत तरीके से नीतियों बनाने से जनता में रोष व्यक्त किया जा सकता है l राजनीतिक दलों में मतभेद होगा l आर्थिक स्थिति में गिरावट आएगी और जनता को अपनी आवाज उठाने में जुट जाएगी और सामाजिक मूल्यों और स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रदान करने में असफल रहे l आगजनी की घटनाओं घटित होने वाली है l 

मेघेश (मौसम, वर्षा और पानी) सूर्य का फल :- इस वर्ष में वर्षा की कमी से अनाज का उत्पादन कम होगा l समाज में अराजकता जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती हैं और धर्म के नाम पर धोखा,भय, अशांति फैलने लगेगी और पाखंडी की वृद्धि हो जाएगी l प्राकृतिक प्रकोप से दुर्भिक्ष की स्थिति उत्पन्न होगी l पाप, अत्याचार की वृद्धि हो सकती हैं जिससे धरती पर सुख और समृद्धि का अभाव दिखाई देगा l             

      नीरसेश (धातु और व्यापार) बुध के स्वामी :-  इस वर्ष देश और विदेशों में रंगीन वस्त्रों का उपयोग किया जाएगा और फैशन जोर पकड़ सकता है l सोना और चांदी, चन्दन, सभी पदार्थो के दामों में तेजी रहेगी l     

       फलेश (फल फूल के स्वामी ) शनि का फल:-  शनि देव को दंडी स्वामी माना जाता हैं और पूर्व जन्मों के कर्मों का फल देना होता हैं l शनि देव फ्लैश हो तो लोगों में आपसी मतभेद होगा और लोग कलह करते रहे l समाज में दुष्टों की वृद्धि से देश में अराजकता और कलह से जनता में अशांति फैलने का भय बना रहेगा l शहरों में जनसंख्या में वृद्धि होगी l जंगली पेड़ों एवं फूलों की संख्या में वृद्धि होगी l 



Thursday, October 31, 2024

दीपावली (महालक्ष्मी -पूजन ) मनाने का शुभ मुहूर्त 31 अक्टूबर 2024

 कार्तिक अमावस्या के दिन ही दीपावली (महालक्ष्मी -पूजन ) मनाने का शुभ मुहूर्त 31 अक्टूबर 2024 के दिन कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि का समाप्ति काल सायं काल 15 बजे 53 मिनट तक हैं l अंतः चतुर्दशी तिथि की समाप्ति के साथ ही कार्तिक अमावस्या  प्रारम्भ हो जाता हैं l शास्त्रों में आकाश और पृथ्वी पर मिलन होता हैं और उसे ही क्षितिज पर सूर्य अस्त होते हैं l दीपावली महालक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त रात्रि 19: 59 मिनट बनता हैं lकार्तिक अमावस्या के दिन ही दीपावली (महालक्ष्मी -पूजन ) मनाने


l शास्त्रों में आकाश और पृथ्वी पर मिलन होता हैं और उसे ही क्षितिज पर सूर्य अस्त होते हैं l दीपावली महालक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त रात्रि 31 अक्तूबर 2024 को 19: 59 मिनट बनता हैं l 1 नवम्बर 2024 सूर्य देव अस्त होने का समय 17 बजे 47 मिनट तक हैं अमावस्या का समय 18:16 मिनट तक हैं l  इतने कम समय में पूजा आराधना कैसे करें l

Thursday, July 11, 2024

भारतवर्ष का 78 वां स्वतंत्रता दिवस वर्ष कुण्डली 14 अगस्त 2024 ई.


 भारतवर्ष का 78 वां स्वतंत्रता दिवस वर्ष कुण्डली 14 अगस्त 2024 ई.      मकर लग्न कुण्डली बनी है जो कि भारतवर्ष की प्रभाव राशि भी है l शनि देव द्वितीय भाव में स्थित हैं और देश की आर्थिक स्थिति, व्यापार, शेयर बाजार से बन रही मुद्रस्थिति को दर्शाता हैं l शनि देव की दृष्टि चौथे स्थान पर पड़ रही हैं और देश में राजनेतिक पार्टियों का धन लाभ से प्रभावित होने लगा है l  देश में गठजोड़ से निर्मित सरकार कार्यरत हैं l विपक्षी दल में काफी मतभेद है l कर्क राशि में सूर्य गोचर कर रहे हैं और  बृहस्पति और मंगल की पूर्ण दृष्टि से एकादश भाव को देख रहे हैं l सूर्य अपनी सातवी दृष्टि से लग्न को देख रहे हैं कि जो राजनैतिक दलों में अभद्र व्यवहार से एक दूसरे को दोषा रोपण कर रहे हैं कि देश के हित के विषय कोई सोच रहा है l देश में हो रहे समस्या और परस्थितियों का समाधान के विषय को सोच नहीं रहा है l युवा पीढ़ी को अच्छी शिक्षा से वंचित कर रहे हैं l गरीबी रेखा से नीचे गिर गए हैं l कार्य शैली में अभाव दिखाई दे रहा है l शनि देव अपनी वक्र दृष्टि से लग्न को देख रहे l जनमानस में विरोधी पनप रहा है l भारतीय राजनीति में राष्ट हित कमजोर हो रहा है l देश के हित में एकजुट साहस और शक्ति होनी चाहिए है l अपने बच्चों और युवाओं के हित कार्य करना चाहिए l एक अच्छे और सशक्त नेतृत्व की आशा है l विश्व के स्तर भारत वर्ष की छवि बनी रहे l आकाशीय ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति बनी हुई हैं कुछ राज्यों में अकाल और कुछ राज्यों समुंद्र में तूफान आने वाला है l प्राकृतिक प्रकोप से हालात खराब होंगे l देश की उग्रवाद प्रभावित होने की संभावना है l सीमाओं क्षेत्रों में युद्व जैसा मोहाल बना हुआ है l बीमारी फैलने का संकेत दे रहा है l 

Wednesday, May 22, 2024

ON JUNE 4, 2024 LOK SABHA ELECTION 2024

    

                                           




                 On June 4, 2024, Lok Sabha Election 2024 Prediction by Astrologer Kamlesh Sharma: The planetary position on the universe,  Venus is in its sign and is set during this period. The Lord of the fourth house Sun is in the Taurus sign. Sun and Venus are placed in the same degree. This indicates that the Ruling parties fear disappointment in the elections and they will not be able to win in the southern and western parts of the country. Mercury and Venus are setting in the east and west direction.  Mercury and Venus are getting combust in the duration. Four planets are placed in the ascendant, forming Chatrugrahi Yoga, which indicates that something special is going to happen in the country. Mars is a place in its own house and the Moon is in conjunction with it. Moon is representative of emotions and thinking about the future as well as people's opinions. The moon is weak because Mars' influence is strong. Saturn is situated in karma sthan and it will indicate Justice. Saturn has an aspect on the 4th house. It will also indicate war. Sun is an  Aatma karaka but in a sleeping position. So, the king will be forced to win the match. 

The ruling party will make unauthorized decisions. This will be harmful to the country. The position of the planets indicates violent incidents and there is a possibility of an emergency. Something big is going to happen and I pray to Lord Shiva that you always keep your blessings on me.

Friday, May 17, 2024

जून 21,2024 में सूर्य आर्द्रा नक्षत्र पर गोचर करेगा (आर्द्रा प्रवेश कुंडली)


          नक्षत्र में सूर्य के आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश के समय और तिथि पर आधारित राशिफल, 21 जून 2024 शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि शुक्रवार संवत 2081 24 घंटे 06 मिनट 11 सेकंड। जब सूर्य आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करता है। लग्न एक स्थिर राशि है, इसका स्वामी लग्न में स्थित है। शुक्र मिथुन में है जिसके परिणामस्वरूप शुक्रवार को सूर्य का आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश भी शुभ नहीं है। आर्द्रा  प्रवेश कुंडली में सूर्य, शुक्र और बुध। मंगल मेष राशि में है, शनि की दृष्टि है और चंद्रमा जलीय राशि में है, कुछ राज्यों में अतिवृष्टि के कारण अतिवृष्टि, सूखे के कारण अकाल पड़ सकता है। शासन-प्रशासन भी कई बार इस स्थिति से निपटने में असमर्थ नजर आएगा. पर्यावरण- उपद्रव से जनता परेशान है।  2081 विक्रम के बाद से इस वर्ष मंगल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राजा क्रूर एवं युद्धप्रिय होने के साथ-साथ हिंसक एवं उग्र स्वभाव का होता है। इस वर्ष के मंत्री शनि हैं। विपरीत स्वभाव के दोनों ग्रह. तूफान और तूफान, हवा और अन्य आपदाओं को जब्त किया जा सकता है। सरकार को पेयजल संबंधी समस्याओं से भी जूझना पड़ेगा. प्रदूषण से लोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों से पीड़ित होंगे।


                                             



                                     



                   हमारे देश में जब बरसात ऋतु का आरम्भ होता है और यह सोचने का विषय है और सूर्य देव उसी समय आर्द्रा नक्षत्र में स्थित होते हैं l उस समय  में एक कुण्डली का निर्माण किया जाता हैं l जिसको सूर्य आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश कर रहे हैं l यह कुम्भ लग्न की कुण्डली बन रही है l शनि देव कुण्डली में लग्न के स्वामी हैं और शनि देव लग्न में स्थित है l जलवायु परिवर्तन के मूल भूत सिद्धांतो और प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त किया जाता हैं l आकाशमंडल में ग्रहों की स्थिति का निर्माण होता हैं l जन्म और मृत्यु का आंकलन भी मनुष्य की कुण्डली के आधार पर किया जाता हैं l मिथुन राशि में ६ अंश ४० कला से आगे २० अंश पर्यन्त आर्द्रा नक्षत्र आता है l आर्द्रा का अर्थ है नमी, भीषण गर्मी के बाद, नमी के कारण बादल छाए रहे हैं और उसी समय, आर्द्रा नक्षत्र में सूर्य देव का प्रवेश आरम्भ होता है l बरसात में होने पर खुशहाली और चारों तरफ से हरियाली छाई हुई दिखाई देती हैं l भगवान शिव या रुद्र देव को आर्द्रा नक्षत्र के अधिपति देवता हैं l मति भ्रम, अराजकता और आतंक की समाप्ति होती हैं lआर्द्रा नक्षत्र को मनुष्य का सिर भी मानते हैं कि उसमें सदैव चिंतन, मनन, तीक्ष्ण बुद्धि, विवेक, तत्व निर्णय के आते हैं l यह सभी कुछ आर्द्रा नक्षत्र से जुड़ा हुआ है l वर्षा ऋतु में आने पर खुशहाली आती हैं और दुःख में आंसु निकलने से मन शान्त हो जाता हैं l अशुभता को मिटा करके शुभता में स्थित हो जाता हैं l राहु देव इस आर्द्रा नक्षत्र के स्वामी हैं l माया को समझने वाला भी माना जाता हैं l  विपरीत परिस्थितियों को समझने की शक्ति है और सही निर्णय लेने माना जाता हैं l 
            आर्द्रा नक्षत्र में सूर्य का कुंडली में प्रवेश। इस कुंडली में शनि लग्न में है और 7वें घर पर दृष्टि है जो उत्तर दिशा को देखेगा। शनि की मंगल पर विशेष दृष्टि रहेगी। 29 जून 2024 को शनि वक्री गति में चले जाएंगे और 15 नवंबर 2024 को वक्री गति में चले जाएंगे। शनि और मंगल का प्रभाव पर्वतीय क्षेत्रों पर होगा। अचानक से वातावरण में परिवर्तन जैसे भारी वर्षा, पहाड़ी क्षेत्रों में अशांति, विपरीत घटनाएं/परिस्थितियां, कई बीमारियां, भूकंप, हिमपात, आगजनी, हिमाचल प्रदेश और राज्यों में कई तरह की घटनाएं।
                    आर्द्रा नक्षत्र में सूर्य का कुंडली में प्रवेश। इस कुंडली में शनि लग्न में है और 7वें घर पर दृष्टि है जो उत्तर दिशा को देखेगा। शनि की मंगल पर विशेष दृष्टि रहेगी। 29 जून 2024 को शनि वक्री गति में चले जाएंगे और 15 नवंबर 2024 को वक्री गति में चले जाएंगे। शनि और मंगल का प्रभाव पर्वतीय क्षेत्रों पर होगा। अचानक से वातावरण में परिवर्तन जैसे भारी वर्षा, पहाड़ी क्षेत्रों में अशांति, विपरीत घटनाएं/परिस्थितियां, कई बीमारियां, भूकंप, हिमपात, आगजनी, हिमाचल प्रदेश और राज्यों में कई तरह की घटनाएं।
                    आर्द्रा नक्षत्र में सूर्य आ जाने से विचित्र घटनाएं होने जा रही है l कुछ राज्यों में समय से बरसात होगी l आंधी और तूफान, बाढ़ प्रभावित होगे l प्राकृतिक प्रकोप भूकंप, समुंद्री तूफान , सीमा क्षेत्रों में युद्व होने की पूर्ण संभावना है l युद्व आंतरिक और बाहरी इलाके में दिखाई देगा l बरसात की वजह से फसलों का नष्ट संभावना है l लोगों जीवन शैली में संस्कार रहित हो जाएगी इस का अर्थ है जैसा राजा और वैसी प्रजा होगी l हिन्दू शास्त्रों का कथन हैं l अभद्रता, अशिष्टता, भूख मरी, गरीबी, अर्थवस्था का गिर जाना निश्चित ही है l

               जन्म के समय जब सूर्य चन्द्रमा से तीसरे, छठे, दसवें और ग्यारहवें भाव में गोचर करता है तो यह शुभ फल देता है, यदि उस समय शनि के अलावा कोई अन्य ग्रह क्रमश: नौवें, बारहवें, चौथे और पांचवें भाव में गोचर करता है। हैं। किया जा। सूर्य एक महीने के लिए एक विशेष घर में रहता है। सूर्य शरीर में एक ऊर्जा तंत्र के रूप में निवास करता है। यह भावनाओं, स्वास्थ्य और शक्ति को प्रभावित करता है। यह व्यक्ति के किसी भी लिंग के अधिकारों को प्रभावित करता है। जन्म कुंडली या गोचर में सूर्य का प्रभाव अक्सर स्वास्थ्य से पीड़ित और सत्ता में अधिकारियों के साथ समस्याओं का संकेत देता है। वर्ष के दौरान जब सूर्य जन्म स्थान के विपरीत होता है, तो यह शायद ही कभी भाग्यशाली होता है, यह जीवन शक्ति को कम करता है और संकेत के अनुसार शीतलता और कमजोरी का कारण बनता है। लकड़ी, अग्नि, सत्य, वैद्य, अभिमानी, समर, शिव मंदिर, ईर्ष्यालु दंडाधिकारी, गुरु, वैद्य और वीरता, मन की पवित्रता। सूर्य स्वास्थ्य, पिता, शक्ति, अधिकार, नाम और प्रसिद्धि का कारक है। , सरकार, रॉयल्टी, दवा, आंखें, लकड़ी, ऊन, या इमारती लकड़ी, पूजा का स्थान, दलाली या कमीशन, रक्त परिसंचरण, मामा, सेवा, पेशा, साहस, पितृसत्ता, सम्मानजनक स्थिति, राजनेता, डॉक्टर, मरहम लगाने वाला, आत्मा, वन , मिठाई आदि। सूर्य मेष राशि में उच्च का और तुला राशि में नीच का होता है। सूर्य पुरुष राशि, पूर्व दिशा, अग्नि तत्व है।