Thursday, July 31, 2025

79th INDEPENDENT DAY YEAR HOROSCOPE 14th AUGUST 2025

                          


On 14th August 2025 at 11:55 am Indian Standard Time, the 79th year of Independent India has been formed in the Taurus Ascendant Kundali and the Lord of the Ascendant is Venus and is situated in the second house in conjunction with Jupiter. Jupiter, the Guru of Gods, and Venus, the Guru of Demons, are forming conjunction with the Earth Element. Sky and Water Elements are being included in the Earth Element Zodiac. The second house indicates the currency status and economic condition of the country and trade, commerce. Mars is situated in the fifth house and is forming Samasaptak Yog with Saturn and Angarak Yog. Saturn is transiting in retrograde motion. Jupiter is transiting as a tyrant. Mars and Rahu are forming Shadashtak Yog. Venus and Jupiter are situated in the Punarvasu Nakshatra in Gemini whose Lord is Jupiter. The ruling party and the coalition government will have to face obstruction from the opposition leaders and the opposition may be successful in creating a widespread deadlock. There will be obstructions in passing bills and legislations. Foreign policy, commerce and trade will be successful.  There will be no conflict. Opposition leaders want to see the reality of the country and other people make claims. There will be a stagnation in basic economic development. The currency situation is going to weaken and the middle class will be troubled by inflation and excessive taxes and will be agitating to express their anger. Sun God is considered as a king, he is situated in the water sign and this will not be good for the kings of the country and abroad. Their intellect will get confused and they are taking wrong decisions, causing war-like unrest and mental stress. Due to Saturn being retrograde, natural calamities like earthquake, landslide and fire incidents are going to happen in many countries of the world and the world will have to face situations related to world war, incidents of terrorism and explosions will be seen happening. In the middle of September and October, the Sun and Saturn will form Samsaptaka Yoga and will create war-like situations in Israel, Lebanon and Israel and Iran. There is tension and fearful situations in some Muslim countries and European countries. There is unrest in water, land and sky. Aircraft, South Asia  There is a possibility of storm, flood, industrial areas getting affected by gas emissions. Himachal Pradesh, Jammu Kashmir, Orissa, Tamil Nadu and Maharashtra may have to bear losses due to natural calamity. Political upheaval, unrest due to insurgency, famine like situation is going to be created due to lack of rain. There is a possibility of fire incidents and unrest in border areas. Unexpected incidents are going to happen. Social differences will increase and political conflicts are going to come to the fore. Some big change is going to happen.Foreign policy, commerce and trade will not be successful. Opposition leaders want to see the reality of the country and other people create problems. There will be a deadlock in basic economic development. The currency situation is going to weaken and the middle class, troubled by inflation and excessive taxes, will start agitations to express their anger. Due to Saturn being retrograde, natural calamities like earthquake, landslide and fire incidents are going to happen in many countries of the world and situations arising out of world war will have to be faced, terrorism and explosion incidents will be seen happening.

Monday, May 19, 2025

22 जून 2025 विक्रम संवत (2082) सूर्य का आर्द्रा प्रवेश कुण्डली

                               



                       विक्रम संवत( 2082 ) में 22 जून 2025 ई.भारतीय मानक समय 6:18 मिनट पर सूर्य आर्द्रा नक्षत्र में गोचर करेंगे l मिथुन लग्न की कुण्डली में सूर्य, बृहस्पति और बुध मिथुन राशि में स्थित हैं और शनि देव मीन राशि में स्थित हैं और शनि की दृष्टि उत्तर दिशा में रहेगी l 12 जुलाई 2025 को शनि वक्री गति से चले आ रहे हैं और 28 नवम्बर 2025 ( 133 दिनों) तक रहेगा और 11 नवम्बर 2025 से बृहस्पति देव वक्री होने वाले 10 नवम्बर 2025 तक रहेंगे l 5 नवम्बर 2025 को मंगल अस्त होने वाले हैं और 25 मार्च 2026तक अस्त रहेंगे l शनि देव उत्तरी भूभाग में प्रान्तों में प्रभावित करेंगे l

              शनि देव मीन राशि में स्थित हैं और पर्वतीय क्षेत्रों में पर्वतों पर दरारें         पड़ने, अत्यधिक निर्माण करने से पर्यावरण की अपेक्षा होने से जलवायु           परिवर्तन को प्रभावित करता हैं l  पुल बन जाने से जन जीवन में अस्त वस्त     हो जाता हैं l प्राकृति से शुद्ध वायु आने से रुकावट आ जाती हैं l पर्वतीय        क्षेत्रों में टनल से पहाड़ में दरार आ सकती हैं l प्राकृतिक प्रकोप अत्यधिक      वर्षा,भूकम्प और भूखल, चट्टानों का खिसकना, हिमपात, भयंकर रोग होने   की संभावना और विपरीत परिस्थितियों बनेगी और आपदाओं से का सामना    करना पड़ेगा l जब सूर्य आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करते हैं और ग्रहों स्थितियां        आकाश मण्डल में दर्शाती हैं कि इन्द्र देव आने वाले समय हो गया है l वर्षा     ऋतु आने वाली हैं और वायुमंडल में तेज हवाओं, आंधी, तूफान, चक्रवात,    समुद्री तूफान, बाढ़ से आने वाली है और प्राकृतिक आपदाओं से परेशानी      हो वाली हैं l  हिन्दू धर्म शास्त्रों में चतुर्मास का आरम्भ हो जाता हैं l इस वर्ष    विक्रमी संवत 2082 में सूर्य को राजा और मंत्री बनाया गया है और यह बात    की संकेत देता हैं कि प्रकृति में दोनों ही विचित्र दर्शाता हैं कि  कई राज्यों में    सूर्य अत्याधिक वर्षा होने वाली है और कई राज्यों में सूखा पड़ सकता हैं l      जल स्तम्भ इस बात को दर्शाता है कि 85 प्रतिशत वर्षा होने से जनजीवन        को अस्त व्यस्त होने का संकेत देता है और फसलों को नष्ट कर देगा l

    आर्द्रा का अर्थ है नमी, जो भीषण गर्मी के बाद, नमी के कारण बादल बरसने का समय, आर्द्रा नक्षत्र में सूर्य प्रवेश     से आरम्भ होता हैं l सूर्य का इस नक्षत्र पर गोचर ग्रीष्म ऋतु की अंत होता हैं और वर्षा ऋतु का आगमन को          दर्शाता हैं l वर्षा ऋतु का आगमन होता हैं चारों ओर हरियाली, खेतों में भरपूर फसल और चारों तरफ खुशहाली l   विद्वानों के मतानुसार आर्द्रा नक्षत्र को मनुष्य के सिर कहते हैं l भगवान श्री रुद्र देव संहारकर्ता शिव जी को    अधिपति   देवता माना जाता हैं l जो असुरों के संहार करता है और अप्रिय घटनाओं और अनिष्टप्रद का नाश,   अव्यवस्था, उत्पात, मतिभ्रम, आतंक और अराजकता की समाप्ति ही रुद्र देव का मुख्य कार्य है l आर्द्रा नक्षत्र के   स्वामी राहु देव है l 

      मेष राशि में शुक्र और चंद्रमा स्थित हैं l मिथुन राशि में सूर्य, बुध और       बृहस्पति स्थित हैं l सिंह राशि में मंगल और केतु विराजमान हैं l राहु कुम्भ   राशि में स्थित हैं l मीन राशि में शनि स्थित हैं l मंगल और राहु समसप्तक   योग बना रहे हैं l शनि अपनी दृष्टि से धनु राशि में सप्तम भाव पर है l शनि   और मंगल षडष्टक योग बना रहे हैं l सूर्य और शनि की स्थिति देश में कुछ     राज्यों में पेयजल और दुर्भिक्ष विकट स्थिति उत्पन्न हो सकती हैं l समय से   पहले वर्षा ऋतु आना होना है और फसलों को हानि को दर्शाता हैं l शनि देव   की दृष्टि उत्तर दिशा में प्राकृतिक प्रकोप को दर्शाता हैं l जैसे कि आपदा       प्रभावित, युद्ध होने की प्रबल संभावना है l विश्व में समुद्री तूफान,     विनाशकारी घटनाओं को देखने को मिलेगी l  गुजरात, उत्तरांचल,   उत्तराखंड, उड़ीसा, जम्मू कश्मीर, बिहार, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, मिजोरम,   महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश में भूखालन, चट्टानों के खिसकने, इमारतों का   गिरना, पुल ढाह जाना और जनजीवन को हिला कर रख देगा l चीन और   अमेरिका को ग्लोबल वार्मिंग देश और विदेशों में गंभीर रूप से भूकंपों और   सुनामी आने वाली हैं l यह सब आकाशीय ग्रहों स्थितियां को दर्शाता रहा हैं l

     दोनों नेत्रों और मस्तक के आगे और पीछे वाले भाग में आर्द्रा के अवयव     कहलाते हैं l किसी भी विषय को समझ कर उसका विश्लेषण करना   आर्द्रा  का स्वभाव है और मस्तिष्क रोग चिकित्सक भी मानते हैं कि मनुष्य     देह के सभी अंगों को संचालन और नियंत्रण करने की कार्यप्रणाली हैं आर्द्रा    नक्षत्र  वात रोग से होता हैं l राहु वायु प्रधान स्वामी हैं l  धरती के वे सभी       स्थानों जहां आंधी, तूफान, बिजली कड़कती, अनुसन्धान प्रयोगशाला, उच्च      प्रोद्योगिकी के कार्य क्षेत्र, अस्पताल, रडार उपकरण, टेलीविजन       का स्टूडियो ,  विषैले रसायन का प्रयोग स्थान पर, सैनिकों अड्डे और   छावनी,  एस्केलेटर चलती सीढ़ियों, बिजली नियंत्रण का सीधा सम्बन्ध आर्द्रा    नक्षत्र से जुड़े हैं l बुध की मिथुन राशि के स्वामी बुध है और आर्द्रा नक्षत्र के      स्वामी राहु है l बुध और राहु दोनों की शक्तियों समावेश होता हैं l बुध बुद्धि   और विद्या अधिपति माना जाता हैं राहु भी चंचलता, कार्यशीलता है l   अचानक से बदलाव आ जाता हैं l अचानक से अव्यवस्था और अराजकता   प्रकोप दिखाई देता हैं l मायाजाल और अनिश्चितता का प्रभाव दिखाई पड़ेगा l 

Tuesday, December 10, 2024

ON APRIL 14. 2025 YEARLY LAGNA KUNDALI VIKRAM SAMVAT 2082 SUN IN ARIES ZODIAC

 On April 15, 2025, 03:21 Indian Standard Time, the Sun is going to transit in Aries and at that time, the Sun will be located in Ashwini Nakshatra. Ketu is the lord of Ashwini Nakshatra. Ashwini Nakshatra is the first place in the constellation and is the star of creation, so woman is considered a symbol of creative power. The horse's head is the symbol of Ashwini Nakshatra and the symbol indicates the beginning and the parts of Aries are similar to the head and the first part of the human body is the head and all the organs are controlled by power and it shows mental emotion and leadership qualities.

                                           


 


        The Kundali of Aquarius Ascendant is being formed and the lord of the Ascendant Saturn is placed in Pisces and Rahu, Mercury and Venus are placed in the wealth house. Due to the feelings of hatred and revenge in the Muslim nations of the world, there will be a war in the Ganja belt and by declaring Israel as a criminal and a criminal against humanity, world peace will be disrupted. There is already a war going on between Ukraine and Russia and it is indicating the feeling of taking revenge internally in other countries. Venus is the lord of the fourth and ninth houses and is making a conjunction with Rahu and Saturn. Which is indicating the disruption of nuclear energy.

        Due to the transit of Sun in Aries, the people of Aries can get physically injured because Mars is the lord of Aries and it has come to the fourth place, being at a low speed there, one can get injured by a vehicle and the people in government jobs can have problems with the officers and there will be peace and happiness at home. There can be pain due to heart disease. Sun becomes of high quality in Aries.

         Lord of Taurus sign Venus is placed high in Pisces sign and time is good for Taurus sign people and Jupiter, the lord of fortune is placed in Taurus sign. Financial gains will be less and relatives will help you but someone may have to suffer physical pain. Rest of the time will be fine. There may be some loss in personal business.

            Gemini: - Mercury, the lord of Gemini, has become low in Pisces. Time is not good for people of Gemini and there can be differences in relations with their real brothers. There can be hindrance in work from the state government. Enemies can become stronger.

             Cancer: - Moon, the lord of Cancer, is in Libra. Mars has become low in Cancer and the time is not good for people of this sign. Your relations with your siblings may be good and some relative may have to suffer. Cough-bile disorder and cold and flu will persist. Dignity may be violated. Hence, donate the things related to Mars.

                  

Leo: - Time is good and you can get monetary benefits. You can get support from friends. You need to be careful while spending money. Think before doing any work.


              

Virgo: - Ketu is situated in Virgo sign and there can be conflicts with relatives and your enemies can become powerful. Diseases and mental health can deteriorate. If you work on time, you can avoid money loss. There can be vandalism. Try to go into politics.

           

Libra:- Surya is looking at Libra with his seventh sight and there can be problems at home. Health can deteriorate and you may not get help from friends. Money will be spent due to physical pain. This is the time to focus on your work area and take advantage.

               

Scorpio:- Make good use of time and you may gain money. You will gain in political field. Economic situation may improve and there is a possibility of change in government sector. There is a possibility of unrest in the house and you should be careful.

          

Sagittarius: - The lord of the sign is situated in the wealth house and the Sun's aspect is indicating that your health may deteriorate due to which you may suffer losses in business and there will be a financial shortfall and you need to concentrate. You will get support from friends. Worshiping Lord Shiva can make the time good. Be careful.

                 

Capricorn: - Capricorn people need to avoid blood related problems. Lord Shani Dev is placed in Pisces and there is an opportunity to get happiness and prosperity. It is time to join political parties and promote your business and take advantage. There may be happiness from children and couples may have problems. Everything else will be fine.

          

Aquarius: - Due to the aspect of Mars, there can be problems due to increase in stomach size and sudden changes can come in business because due to Saturn's Sadesati, there can be problems in the house and you will get support from friends. Financial condition is good and there will be increase in comforts.

              

Pisces: - Chaturgrahi Yoga is formed in Pisces and there are health related problems. Time is not good and there can be problems from all sides. Attention is needed in work. There is a possibility of monetary loss. Be careful in travelling and you will have to bear difficulties. You should do Puja and worship.

                  

There will be some growth due to Guru being situated in the fourth house of India's horoscope. From there, we are looking at the tenth house and there can be growth in industry. The country needs to be safe from the east, west, north and south directions and there is going to be a war with enemy countries and for this the ruling party leaders should be cautious.

Saturday, December 7, 2024

जनवरी 26, 2025, भारतवर्ष का 76 वा गणतंत्र दिवस

         

                                                          



                         भारतवर्ष का 76 वा गणतंत्र दिवस जनवरी 26, 2025, भारतीय मानक समय 15:46 मिनट पर शुभ मुहूर्त है और मिथुन लग्न की बनी हुई है और मंगल स्थित हैं l मंगल अपने शत्रु राशि में स्थित हैं l मंगल का कार्य अग्नि प्रवजलित करना है और जनवरी से मई तक का समय है बहुत ही कठिन दौर से गुजरेगा l प्राकृतिक आपदाएं भूकम्प, आगजनी घटनाओं, बीमारी, दुर्घनाओं, सत्ता पक्ष नेताओं को अशांति और अस्थिरता होगी l राजनैतिक दलों में मतभेद हो सकते हैं और तनाव पूर्ण मोहाल बना रहेगा l सामाजिक और राजनैतिक उथल - पुथल देश में दिखाई देगी l भारतवर्ष की कुण्डली में कार्यक्षेत्र का स्थान है l जोकि सामान्य के विपरीत होता दिखाई दे रहा हैं l संविधान और अर्थव्यवस्था, महंगाई, वित्तीय अनियमित उजागर होने वाली हैं l शेयर बाजार में गिरावट आएगी और आर्थिक मुद्रा में भी गिरावट आएगी l मंगल की दृष्टि सप्तम भाव पर है l  सूर्य और बुध अष्टम भाव में स्थित है और मंगल पुर्ण दृष्टि से देख रहे हैं l मार्च 14,2025  से 29 मार्च तक  में चतुर्ग्रही योग बन रहा हैं और 29मार्च से अप्रैल 13,2025 से पंचगृही योग के प्रभाव से यह सरकार के लिए असंमजस पूर्ण और विवशतापूर्ण परिस्थितियों बनी रहेंगी l

               सूर्य, राहु, शुक्र और बुध मीन राशि में स्थित होने वाले हैं l मीन राशि जल तत्व की राशि हैl शनि कुंभ में स्थित हैं और अपनी नीच दृष्टि से धन भाव को देख रहे हैं जो कि आर्थिक स्थिति में गिरावट आएगी और देश में विषम परिस्थितियों बनी रहेगी l किसी व्यक्ति विशेष के लिए समय कठिन होगा l

                    



29 मार्च 2025 को शनि मीन राशि में गोचर करेगा, तब मीन राशि में पंचग्रही योग बनेगा। लग्न स्वामी बुध अष्टम भाव में होगा, इससे संकेत मिलेगा कि धर्म के नाम पर सांप्रदायिक दंगे देखने को मिलेंगे। हरियाणा, छत्तीसगढ़, दो राज्यों में धर्म के नाम पर हिंसा, सांप्रदायिक घटनाएं होंगी। पंचग्रही योग सूर्य, बुध, राहु, चंद्रमा और शुक्र का मीन राशि में होना यह दर्शाता है कि अराजक तत्वों के कारण अशांति की संभावना है। विदेशी देश कनाडा में खालिस्तानी आंदोलन राजनेताओं के लिए परेशानी का कारण बनेगा। मीन राशि की कुंडली में हिमाचल प्रदेश में भूकंप, बाढ़, भीषण आग लगने की आशंका है। राज्य सरकार को कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा। शनि और शुक्र मकर राशि में होंगे जो संकेत देते हैं कि जम्मू-कश्मीर का कुछ हिस्सा कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहा है और सीमा क्षेत्र कठिन स्थिति में होगा। कर्म भाव में राहु कुछ कठिन परिस्थितियों का निर्माण करेगा। शनि और राहु का गोचर प्रभाव यह होगा कि चीन सीमा ने कठिन परिस्थितियों का निर्माण किया

Wednesday, November 20, 2024

29 मार्च 2025 विक्रमी संवत 2082 का शुभारंभ होगा



                                                           
 ॐ श्री गणेशाय नमः, मां सरस्वती नमः और समस्त देवी और देवताओं को नमः करती हुईं हूं मैं थोड़ा सा ज्ञान रखतीं हू कि विनती करती हूं लिखें मे भूल चूक हो आप सभी पाठकों से क्षमा करें l                           सिद्धार्थ नामक संवत्सर का फल :- नया विक्रमी संवत 2082 , चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा, मार्च, सन् 2025 ई ० शनिवार से प्रारम्भ होगा l सिद्धार्थ नामक संवत्सर का फल है: शास्त्रों में किया गया है कि 

                 विक्रमी संवत 2082, संवत्सर (उत्तर) सिद्धार्थ, संवत्सर विश्ववस्षु, अयन उत्तरायण, गुजराती संवत् 2081, शक संवत् 1947, शक, कली संवत् 5126 में प्रवेश कर रहे हैं l     

               आकाश मंडल ग्रहों की स्थिति शुभाशुभ प्रकृति से अच्छे और बुरी घटनाओं घटित होती हैं l सिंह लग्न की कुण्डली बन रही हैं भारतीय समय 16: 27 मिनट पर सिंह लग्न में होगा और मीन राशि में स्थित सूर्य, चंद्र, बुध, शुक्र और राहु स्थित हैं l सूर्य और चन्द्र उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में स्थित है l प्राकृतिक प्रकोप से बादल फटने से कृषि क्षेत्रों में भारी बारिश होने से फसलों को हानि होगी और जिसके बाद अनाज नष्ट होने से कीमतों में वृद्धि होगी l विदेशों में सोना और चांदी महंगी रहेगी l जनजीवन अस्त वस्त हो जाएगा l कई राज्यों में शासन व्यवस्था में बदलाव लाने का प्रयास किया जा सकता हैं और राजनेताओं में मतभेद होंगे l धन को माध्यम से तोल मोल करने से सामाजिक मूल्यों और नैतिक मूल्यों का हरण करने का प्रयास किया जा सकता हैं l सातवें स्थान पर शनि देव लग्न में दृष्टि कर रहे हैं जो कठिन समस्याओं को दूर करने में रुकावट आ सकती हैं l प्राकृतिक आपदाओं से अग्निकांड,भूकम्प,तूफान से भारी हानि हो सकती हैं l   

          नव वर्ष विक्रमी संवत 2082 , मार्च 16, 2025 को शनिवार को शुभारंभ होगा | इस वर्ष के राजा और मंत्री का पद सूर्य देव हैं l जिस   वर्ष राजा का पद सूर्य को, मंत्री सूर्य देव पद एक ही ग्रह   के पास हो , तो उस वर्ष विभिन्न देशों के राजनेता,   निरंकुश, स्वार्थ पूर्ण और मनमाना आचरण करेंगे l यह   कथन हमारे शास्त्रों में वर्णित किया है कि प्राकृतिक  आपदाओं से अग्निकांड, भूकम्प, बाढ़ और साम्प्रदायिक,   हिंसक और जातीय उपद्रव अधिक होने वाली होती हैं l चट्टानों का खिसकना, गिरना, अचानक से होगा l चोरी, डकैती, मानसिक तनाव और भयंकर बीमारियों से ग्रसित होने वाली हैं l गर्मी में उष्णता से परेशानी बढ़ेंगी l लोगों में क्रोध और आवेश अधिक होने से हिंसक घटनाओं घटित होने वाली हैं l सत्ता पक्ष नेताओं और विपक्षी नेताओं के मध्य टकराव और खींचातानी से अधिक होने से देश का वातावरण प्रभावित होगा l अनाज की कमी से और वर्षा की कमी से उत्पादन कम होगा और जनता में रोष प्रकट होगा l आर्थिक मुद्रा के गिरने से महंगाई जोर पकड़ सकती हैं रोजगार नहीं मिलने से जनता में धन कमी से आपसी संबंध खराब होगे l सूर्य को मंत्री पद से प्रशासनिक अधिकारियों में परस्पर विरोध बढ़ने की संभावना है l केन्द्र सरकार और राज्यों सरकारों में आपसी सहमति बनाना कठिन होगा l कर टैक्स अधिक होने से छोटे व्यापारी वर्ग को कठिनाई हो सकती हैं l सरकारी संस्थाओं को बचने से , निजी क्षेत्रों में व्यापार होने से दैनिक जीवन में अधिक कठिन होगी l पूंजीपतियों अधिक लाभ होगा और मध्य वर्ग को अपना जरूरत का सामान लेना कठिनाई होगी l पेयजल, दूध, तेल, फल और सब्जियों और रसदार वस्तुओं की कमी होने से चोरी और लूटेरों की वृद्धि होगी l सभी प्रशासन अधिकारियों में रोष बढ़ जाएगा l आधुनिक युग में अनैतिक कार्यों में वृद्धि होगी और एकाधिकार को बढ़ावा और नैतिक विकास के नाम पर ठगी करने वाले संख्या में वृद्धि होगीl नैतिकता और सामाजिक मूल्यों का लोप हो जाएगा l

     2.      .मंत्री सूर्य का फल:- 🌞इस वर्ष सूर्य को मंत्री का पद मिला है और प्रशासकों में परस्पर विरोध एवं स्वार्थ से टकराव होता दिखाई देगा l पृथ्वी पर धन धान्य आदि सुख साधनों का प्रसार अधिक बढ़ेगा l देश में चोरों और लुटेरों संख्या में वृद्धि होगी l रोगों का प्रकोप बढ़ जाएगा l पेय पदार्थो  और रसदार सब्ज़ियों के दाम भी बढ़ जाएंगे l जीवन उपयोगी वस्तुओं का अभाव होता दिखाई देगा l 

             विक्रमी संवत 2082 में सिद्वार्थी संवत्सर होने से वर्षा अधिक मात्रा में होगी l मेघेश सूर्य देव होने से बाढ़ आ सकती हैं और ग्रहों की स्थिति में कई राज्यों में कम वर्षा से पड़ने वाली है l 

   3.      सस्येश बुध का फल :- ग्रीष्मकालीन फसलों के स्वामी बुध हो, तो उस वर्ष बादलों से वर्षा बहुत अधिक होती हैं,देश में सुख समृद्धि बढ़ने का आशा होती हैं l आतंक वादी और  उग्रवाद एवं उपद्रव की घटनाओं में कमी आ सकती हैं l ब्राह्मण और पंडित का ध्यान वेद पाठ और यज्ञ कार्यों को पूरा करने में लगे रहते हैं l वातावरण प्रभावित होता हैं जिसके कारण से गेहूं, चने, बाजरा की फसलें अच्छी होती हैं l

   4.        दुर्गेश शनि देव का फल : - इस वर्ष के दुर्गेश शनि देव हो, तो , अनेक देशों में आंतरिक मामलों में दंगे, बाहरी वातावरण में युद्ध भय  से और आतंकित लोगों को अन्य स्थानों को पलायन करना पड़े l जातीय एवं साम्प्रदायिक झगड़े फ़िसाद एवं टकराव की घटनाएं हो l  कही चूहों, विषाक्त कीटाणुओं, अनावृष्टि, अतिवृष्टि, प्राकृतिक आपदाओं से भारी हानि हो सकती हैं l 

     5.           धान्येश चन्द्र का फल:- धान्य के स्वामी चन्द्र हो, जनसंख्या में वृद्धि होती हैं l शीतकालीन फसलें चावल,  गन्ना, कपास आदि की पैदावार में वृद्धि होती हैं l धान्येश चन्द्र का फल:- धान्य के स्वामी चन्द्र हो, जनसंख्या में वृद्धि होती हैं l शीतकालीन फसलें चावल,  गन्ना, कपास आदि की पैदावार में वृद्धि होती हैं l आधुनिक युग में चन्द्र वर्षा से नदियों में पानी स्तर सामान्य हो l 

       6.          रसेश शुक्र का फल:-   शुक्र रसेश हो, लोग यज्ञ, दान और धर्म एवं मांगलिक कार्यों करने के लिए तत्पर रहते है l वर्षा अधिक मात्रा में होती हैं, जिससे धरती पर सुख, समृद्धि की वृद्धि होती हैं l जनता लोक कल्याण के कार्य को खुशी होगें l 

     7.       धनेश और कोश पति ' मंगल का फल :- नववर्ष मंगल को धनेश का कार्य करने का सौभाग्य मिला है l थोक बाजार में व्यापारिक वस्तुओं के मूल्यों में उतार - चढ़ाव होता दिखाई देगा l शेयर बाजार में भी उच्च स्तर तक उछाल आएगा और गिरावट आएगी l शेयर बाजार में अस्थिर होने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छी नहीं होगी l जनवरी महीने में वर्षा नहीं होने से फसलों में कमी आने की संभावना है और इस वर्ष में भुखमरी और चोरी हो सकती हैं l जनता को परेशानी हो तो देश में अस्थिरता और अनिश्चितकालीन समय पर अशांति फैलने लगेगी l प्रशासन की ओर से गलत तरीके से नीतियों बनाने से जनता में रोष व्यक्त किया जा सकता है l राजनीतिक दलों में मतभेद होगा l आर्थिक स्थिति में गिरावट आएगी और जनता को अपनी आवाज उठाने में जुट जाएगी और सामाजिक मूल्यों और स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रदान करने में असफल रहे l आगजनी की घटनाओं घटित होने वाली है l 

मेघेश (मौसम, वर्षा और पानी) सूर्य का फल :- इस वर्ष में वर्षा की कमी से अनाज का उत्पादन कम होगा l समाज में अराजकता जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती हैं और धर्म के नाम पर धोखा,भय, अशांति फैलने लगेगी और पाखंडी की वृद्धि हो जाएगी l प्राकृतिक प्रकोप से दुर्भिक्ष की स्थिति उत्पन्न होगी l पाप, अत्याचार की वृद्धि हो सकती हैं जिससे धरती पर सुख और समृद्धि का अभाव दिखाई देगा l             

      नीरसेश (धातु और व्यापार) बुध के स्वामी :-  इस वर्ष देश और विदेशों में रंगीन वस्त्रों का उपयोग किया जाएगा और फैशन जोर पकड़ सकता है l सोना और चांदी, चन्दन, सभी पदार्थो के दामों में तेजी रहेगी l     

       फलेश (फल फूल के स्वामी ) शनि का फल:-  शनि देव को दंडी स्वामी माना जाता हैं और पूर्व जन्मों के कर्मों का फल देना होता हैं l शनि देव फ्लैश हो तो लोगों में आपसी मतभेद होगा और लोग कलह करते रहे l समाज में दुष्टों की वृद्धि से देश में अराजकता और कलह से जनता में अशांति फैलने का भय बना रहेगा l शहरों में जनसंख्या में वृद्धि होगी l जंगली पेड़ों एवं फूलों की संख्या में वृद्धि होगी l 



Thursday, October 31, 2024

दीपावली (महालक्ष्मी -पूजन ) मनाने का शुभ मुहूर्त 31 अक्टूबर 2024

 कार्तिक अमावस्या के दिन ही दीपावली (महालक्ष्मी -पूजन ) मनाने का शुभ मुहूर्त 31 अक्टूबर 2024 के दिन कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि का समाप्ति काल सायं काल 15 बजे 53 मिनट तक हैं l अंतः चतुर्दशी तिथि की समाप्ति के साथ ही कार्तिक अमावस्या  प्रारम्भ हो जाता हैं l शास्त्रों में आकाश और पृथ्वी पर मिलन होता हैं और उसे ही क्षितिज पर सूर्य अस्त होते हैं l दीपावली महालक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त रात्रि 19: 59 मिनट बनता हैं lकार्तिक अमावस्या के दिन ही दीपावली (महालक्ष्मी -पूजन ) मनाने


l शास्त्रों में आकाश और पृथ्वी पर मिलन होता हैं और उसे ही क्षितिज पर सूर्य अस्त होते हैं l दीपावली महालक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त रात्रि 31 अक्तूबर 2024 को 19: 59 मिनट बनता हैं l 1 नवम्बर 2024 सूर्य देव अस्त होने का समय 17 बजे 47 मिनट तक हैं अमावस्या का समय 18:16 मिनट तक हैं l  इतने कम समय में पूजा आराधना कैसे करें l

Thursday, July 11, 2024

भारतवर्ष का 78 वां स्वतंत्रता दिवस वर्ष कुण्डली 14 अगस्त 2024 ई.


 भारतवर्ष का 78 वां स्वतंत्रता दिवस वर्ष कुण्डली 14 अगस्त 2024 ई.      मकर लग्न कुण्डली बनी है जो कि भारतवर्ष की प्रभाव राशि भी है l शनि देव द्वितीय भाव में स्थित हैं और देश की आर्थिक स्थिति, व्यापार, शेयर बाजार से बन रही मुद्रस्थिति को दर्शाता हैं l शनि देव की दृष्टि चौथे स्थान पर पड़ रही हैं और देश में राजनेतिक पार्टियों का धन लाभ से प्रभावित होने लगा है l  देश में गठजोड़ से निर्मित सरकार कार्यरत हैं l विपक्षी दल में काफी मतभेद है l कर्क राशि में सूर्य गोचर कर रहे हैं और  बृहस्पति और मंगल की पूर्ण दृष्टि से एकादश भाव को देख रहे हैं l सूर्य अपनी सातवी दृष्टि से लग्न को देख रहे हैं कि जो राजनैतिक दलों में अभद्र व्यवहार से एक दूसरे को दोषा रोपण कर रहे हैं कि देश के हित के विषय कोई सोच रहा है l देश में हो रहे समस्या और परस्थितियों का समाधान के विषय को सोच नहीं रहा है l युवा पीढ़ी को अच्छी शिक्षा से वंचित कर रहे हैं l गरीबी रेखा से नीचे गिर गए हैं l कार्य शैली में अभाव दिखाई दे रहा है l शनि देव अपनी वक्र दृष्टि से लग्न को देख रहे l जनमानस में विरोधी पनप रहा है l भारतीय राजनीति में राष्ट हित कमजोर हो रहा है l देश के हित में एकजुट साहस और शक्ति होनी चाहिए है l अपने बच्चों और युवाओं के हित कार्य करना चाहिए l एक अच्छे और सशक्त नेतृत्व की आशा है l विश्व के स्तर भारत वर्ष की छवि बनी रहे l आकाशीय ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति बनी हुई हैं कुछ राज्यों में अकाल और कुछ राज्यों समुंद्र में तूफान आने वाला है l प्राकृतिक प्रकोप से हालात खराब होंगे l देश की उग्रवाद प्रभावित होने की संभावना है l सीमाओं क्षेत्रों में युद्व जैसा मोहाल बना हुआ है l बीमारी फैलने का संकेत दे रहा है l